Elections 2024: क्या आचार संहिता के दौरान हो सकती है शराब के ठेकों की नीलामी?
Elections 2024: तारीखों के ऐलान के बाद निर्वाचन प्रक्रिया के पूरी होने तक कई मामलों पर रोक लगाई जाती है, इस दौरान ज्यादातर शक्तियां चुनाव आयोग के पास ही होती हैं.
Code Of Conduct: अगले कुछ ही दिनों में चुनाव आयोग आने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर देगा, जिसके बाद देशभर में लोग वोट डालेंगे और अपनी सरकार चुनेंगे. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाती है, जो तय करती है कि चुनाव आयोजित होने तक कौन सी चीजों पर प्रतिबंध रहेगा और किन चीजों को छूट दी जाएगी. आचार संहिता नेताओं और राजनीतिक दलों के व्यवहार को भी परिभाषित करती है. यही वजह है कि इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं.
नई योजनाओं पर नहीं होता काम
आचार संहिता के दौरान कई ऐसे काम होते हैं, जिन्हें नहीं किया जा सकता है. जिन योजनाओं पर पहले से काम जारी है, उन्हें नहीं रोका जाता है. लेकिन नए योजनाओं पर काम शुरू नहीं हो सकता है, साथ ही ऐसी किसी योजना का ऐलान भी नहीं किया जा सकता. आदर्श आचार संहिता के दौरान कई तरह की नीलामी पर भी रोक लगाई जाती है. इस दौरान शराब के ठेकों की नीलामी पर भी रोक होती है.
निर्वाचन प्रक्रिया के पूरी होने तक ऐसे मामलों पर रोक लगाई जाती है और सरकार वहां अंतरिम व्यवस्था कर सकती है, जहां पर इस प्रक्रिया का होना जरूरी होता है. इसी तरह अन्य मामलों में भी यही नियम लागू रहता है. कुल मिलाकर आचार संहिता के दौरान शराब के ठेकों की नीलामी नहीं की जा सकती है.
आपातकाल स्थिति में लेनी होगी इजाजत
आचार संहिता लागू होने के बाद अगर कोई आपातकालिक स्थिति पैदा होती है, जैसे- सूखे, बाढ़, महामारी, जैसी आपदा आती है तो इससे निपटने के लिए सरकार को चुनाव आयोग की इजाजत लेनी होती है, जिसके बाद कल्याणकारी योनजाएं चलाई जाती हैं और लोगों तक राहत पहुंचाने का काम किया जाता है. हालांकि इस दौरान सरकार की तरफ से किसी भी तरह के समारोह या फिर भाषण नहीं दिए जा सकते हैं.
Elections 2024: आचार संहिता लगने के बाद आपके कौन से काम नहीं होंगे? आम आदमी पर क्या पड़ता है असर