Electoral Bonds: अपने मनपसंद राजनीतिक दल को आप भी दे सकते हैं चंदा, ये है तरीका
Lok Sabha Election 2024: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, इस फैसले के बाद अब राजनीतिक दल चंदे के लिए कई दूसरे तरीके आजमा रहे हैं.
![Electoral Bonds: अपने मनपसंद राजनीतिक दल को आप भी दे सकते हैं चंदा, ये है तरीका Electoral Bonds Supreme Court how can you donate to your favorite political party before Lok Sabha Election 2024 Electoral Bonds: अपने मनपसंद राजनीतिक दल को आप भी दे सकते हैं चंदा, ये है तरीका](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/12/fb747abb72fbb66948c3eda9c370b07c1710222382327356_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Political Donation: इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा इन दिनों काफी ज्यादा चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर रोक लगा दी और अब इसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश जारी किए हैं. लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिए ये एक बड़ा झटका है. अब सवाल है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा राजनीतिक दलों को कैसे चंदा दिया जा सकता है. अगर कोई अपनी पसंदीदा पार्टी को चंदा देना चाहे तो उसके पास क्या विकल्प हैं?
पुराने तरीकों का इस्तेमाल
जब तक सरकार की तरफ से चंदे को लेकर कोई नया कानून या नियम नहीं बनाया जाता है, तब तक पुराने तरीके से ही चंदा दिया जा सकता है. इसमें राजनीतिक दल चेक से चंदा ले सकते हैं, जिसकी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है. इसके अलावा राजनीतिक दल वेबसाइट के जरिए भी चंदा ले सकती हैं, जिसकी जानकारी उन्हें वेबसाइट पर ही देनी होती है.
चंदे की कवायद
इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक के कुछ दिन बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नमो ऐप का इस्तेमाल करते हुए बीजेपी को दो हजार रुपये का दान दिया. इसके साथ ही उन्होंने देश के बाकी लोगों से भी सहयोग की अपील की. ये भी चंदा लेने का ही एक तरीका है. आप अपनी मनपसंद पार्टी की सदस्यता लेकर उसे चंदा दे सकते हैं. इसके अलावा कई दल रसीद बुक से भी चंदा इकट्ठा करने का काम करती है. हालांकि ये चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड की तरह लाखों करोड़ों में नहीं होता है. इसे क्राउड फंडिंग के नाम से जाना जाता है.
लोगों को मिलेगी चंदे की जानकारी
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि किसी भी हाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुनाव आयोग को चुनावी चंदे की जानकारी देनी होगी. इसके बाद चुनाव आयोग इसे अपनी वेबसाइट पर डाल देगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हुआ तो 15 मार्च तक ये पता चल जाएगा कि आखिर किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया.
ये भी पढ़ें - Citizenship Amendment Act: नागरिकता कानून के बाद क्या आपको भी दिखाने पड़ेंगे कागज? आम लोगों के लिए जरूरी खबर
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)