Electricity Meter Shifting Charges: गर्मियों के मौसम बिजली का बिल खूब आता है. कई बार लोग बिजली के उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं करते तब भी उनका बिजली बिल काफी आता है. कई बार बिजली कंपनियां मीटर की बिना रीडिंग लिए ही बिल बना देती है. इसके लिए बिजली कंपनियों का द्वारा अलग-अलग कारण दिया जाते हैं


जिनमें कंपनिया यह भी कहती हैं कि उपभोक्ता के घर का ताला लगा हुआ था. इस वजह से सही से रीडिंग नहीं ली जा सके. इसके लिए लोगों को पास यह उपाय होता है कि वह अपने घरों के बाहर मीटर लगवा सकते हैं. आपको बताते हैं इसके लिए क्या फीस देनी होती है. और क्या होती है मीटर को एक जगह से दूसरी जगह लगवाने की प्रक्रिया. 


देना होता है बिजली विभाग को आवेदन


अगर आपके घर के जीने के आसपास बिजली का मीटर लगा हुआ है. तो आपके लिए बेहतर यही होता है कि आप उसे बाहर शिफ्ट करवा दें. इससे बिजली विभाग और बिजली कंपनियों को आपके मीटर की रीडिंग लेने में आसानी होती है. और इससे रीडिंग ऊपर नीचे भी नहीं होती यानी उसमें किसी प्रकार की धांधली नहीं होती.


घर के जीने में लगे बिजली के मीटर को बाहर शिफ्ट करवाने के लिए सबसे पहले आपको आवेदन लिखना होता है.  इसमें आपको मीटर शिफ्ट करने का पूरा विवरण बताना होता है. इसके बाद इस लिखित आवेदन बिजली विभाग या बिजली कंपनी में जमा कर देना होता है. आवेदन स्वीकार होने के बाद आपका बिजली मीटर शिफ्ट कर दिया जाता है.  


इतना देना पड़ता है मीटर शिफ्टिंग के लिए चार्ज


अगर आप घर में लगे मीटर को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करवा रहे हैं तो उसके लिए आपको एक चार्ज देना होता है. अलग-अलग बिजली कंपनियों के शिफ्टिंग के लिए अलग-अलग चार्ज तय होते हैं. तो वहीं राज्यों के हिसाब से भी बिजली मीटर शिफ्टिंग के लिए अलग-अलग चार्ज देने पड़ सकते हैं. अगर दिल्ली में टाटा पावर बिजली कंपनी के मीटर शिफ्टिंग चार्ज की बात की जाए.


तो वह सिंगल फेज कनेक्शन के लिए 500 रुपये + जीएसटी देना होता है. वहीं थ्री फेज कनेक्शन के लिए 1000 रुपये प्लस जीएसटी होता है. तो वहीं बीएसईएस कंपनी के मीटर शिफ्टिंग चार्ज भी सिंगल फेज कनेक्शन के लिए 500 रुपये + जीएसटी. तो वहीं थ्री फेज कनेक्शन के लिए 1000 रुपये प्लस जीएसटी देना होता है. 


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