(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कू की तरह बंद हो जाए कंपनी तो एम्प्लॉयीज कैसे ले सकते हैं सैलरी, जानें अपने अधिकार?
Employee Rights: भारत में कू कंपनी बंद हो चुकी है. अगर आपकी कंपनी भी इस तरह बंद हो जाती है तो आपके पास सैलरी लेने के लिए क्या अधिकार होता है. चलिए आपको बताते हैं.
Employee Rights: साल 2020 में भारत में कू ऐप की शुरूआत हुई. यह ट्विटर जिसे अब एक्स के नाम से जाना जाता है. उसकी प्रतिद्वंद्वी ऐप बनकर मार्केट में आई. इसपर कई भारतीय नेताओं और सेलेब्रिटीज ने अपने अपने अकाउंट बनाएं. लेकिन आम लोगों में इसका इतना क्रेज देखने को नहीं मिला और फिलहाल स्थिति यह है कि कल यानी 3 जुलाई 2024 को कू बंद हो चुकी है.
ऐसे में लोगों के मन में सवाल यह आ रहा है कू कंपनी बंद होने के बाद उसमें काम कर रहे है कर्मचारियों पर क्या असर होगा. अगर आपकी कंपनी भी कू की तरह बंद हो जाती है तो आपके पास सैलरी लेने के लिए क्या अधिकार होता है. चलिए आपको बताते हैं.
लेबर कोर्ट में करनी होगी शिकायत
भारत में अलग तरह के अपराधों को लेकर अलग कानून बनाए गए हैं. अगर कोई कंपनी कर्मचारियों की बिना सैलरी दिए ही अपने कामकाज को समेट लेती है. तो ऐसे में कर्मचारियों पर काफी मुश्किल आ जाती है. इसीलिए कर्मचारियों को भारतीय कानून द्वारा कुछ अधिकार दिए गए हैं. अगर किसी कर्मचारी के सामने इस तरह की कोई मुश्किल आती है.
तो फिर कर्मचारी कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट में केस दायर कर सकता है. इसके लिए कर्मचारियों को कोर्ट में संबंधित दस्तावेज और सबूत भी पेश कर रहे होंगे इसके बाद लेबर कोर्ट में केस चलेगा. अगर कर्मचारी कैसे जीत जाता है और उसका दावा सही होता है तो कंपनी को उसकी सैलरी देनी होगी. ना सिर्फ सैलरी बल्कि उसे हर्जाना भी देना पड़ सकता है.
लेबर कोर्ट में कैसे करें केस?
कोर्ट में केस करने के लिए कोई भी ऑनलाइन आवेदन दे सकता है. इसके लिए लेबर कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://samadhan.labour.gov.in/ पर जाना होता है. इसके बाद वहां जाकर रजिस्टर करना होगा. जिसमें आपको अपना फोन नंबर, ईमेल आईडी, नाम, पता यह सब जानकारी दर्ज करनी होगी.रजिस्टर करने के बाद आपको इसी साइट पर अपने लोगों क्रैडेंशियल्स के साथ लॉगिन करना होगा.
इसके बाद आपको अपने केस के बारे में पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी. इसके साथ ही आपको संबंधित डॉक्यूमेंट भी अटैच करने होंगे. अगर कोई ऑफलाइन लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज करना चाहता है तो अपने जिले मुख्यालय में में जाकर दर्ज करवा सकता है. यहां आपको लिखित में शिकायत देनी होती है. इसके लिए आप किसी वकील का सहारा भी ले सकते हैं.
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