Indian Railway: लगातार यात्रियों की समस्या निपटाने से चिड़चिड़े बन रहे हैं कर्मचारी, रेलवे कर रहा है यह उपाय
काम के साथ-साथ यात्रियों की समस्या निपटाते हुए रेलवे कर्मचारी मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं. सुबह खुश होकर काम पर पहुंचने वाले कर्मचारी शाम को चिड़चिड़े हो जाते हैं. रेलवे इसके लिए यह उपाय कर रहा है.
Indian Railway News: काम के दवाब और यात्रियों की तमाम समस्याओं को निपटाने से रेलवे कर्मचारी चिड़चिड़े बन रहे हैं. यूं तो कर्मचारी सुबह हंसी खुशी काम पर जाते हैं. लेकिन जब शाम को लौटकर घर आते हैं तो उनका चिड़चिड़ापन साफ देखा जा सकता है. यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने और इस समस्या को खत्म करने के लिए भारतीय रेलवे ने व्यवस्था कर ली है. रेलवे मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही एक टोल फ्री नंबर और एप लॉंच करेगा. जिसके माध्यम से कर्मचारी अपनी समस्याओं को रख पाएंगे और उसका समाधान करा पाएंगे. यह एप और टोल फ्री नंबर सिर्फ मानसिक समस्या को खत्म करने के लिए तैयार कराया जा रहा है. इससे पहले 125 लोगों को चिह्नित किया गया है. जिनसे कर्मचारी अपनी समस्या रख पाएंगे.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए वेबिनार का आयोजन
रेलवे कर्मचारियों का संगठन ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया था. जिसमें तय हुआ कि ज्द ही एक टोल फ्री नंबर और एप लॉंच किया जाएगा. जिसके जरिए रेलवे के कर्मचारी और उनके परिजनों को मानसिक समस्या से निपटने के उपाय बताए जाएंगे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में अगर कोई रेलवे कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर काम करने जाता है तो वह बहुत खुश होता है. लेकिन जैसे ही काम खत्म करके वापस अपने घर पर आता है तो उसके अंदर चिड़चिड़ाहट आ जाती है. कोरोना काल में मानसिक तनाव अधिक बढ़ने लगा. रेलवे कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार कोरोना के साये में तनाव ग्रस्त रहता था. कई जगहों पर आत्महत्या या झगड़े जैसी घटनाएं घटित हुईं. इसीलिए संगठन ने फैसला लिया है कि कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जाएग.
तनाव के कारणों पर होगा मंथन
रेलवे के कर्मचारियों पर ड्यूटी निभाने का सबसे बड़ा भार होता है. क्योंकि रेल नेटवर्क पूरे देश में स्थापित है. यात्रियों से लेकर माल ढुलाई के लिए हजारों ट्रेनें चल रही हैं. नए नए प्रोजेक्ट से रेलवे खुद को ट्रांसफोर्म करने में लगा हुआ है. बदलती तकनीक के साथ रेलवे कर्मचारी खुद को भी बदलने में लगे हैं. काम का दवाब और उसके ऊपर से यात्रियों की समस्या या सुविधाओं को लेकर अतिरिक्त कार्य भी रहता है. इसीलिए प्रयास किया जा रहा है की काम के दौरान होने वाले तनाव पर गहन मंथन किया जाएगा. वह कौन-कौन सी समस्या हैं, जो कर्मचारियों को चिड़चिड़ा बना रही हैं. समीक्षा के बाद उसका हमेशा के लिए निपटारा भी कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें
Indian Railway: रेलवे स्टेशनों पर क्यों होती है पीले रंग की टाइल्स, फैक्ट्स जानकर हो जाएंगे हैरान