कैसे तैयार होता है एग्जिट पोल, कैसे लगाया जाता है राजनीतिक पार्टियों की हार-जीत का अनुमान?
Exit Poll: एग्जिट पोल आखिर होता है? एग्जिट पोल के नतीजों की सटीकता किस बात पर निर्भर करती है, आइए जानते हैं...
चुनाव आते ही एक शब्द सबसे ज्यादा सामान्य हो जाता है जो है "एग्जिट पोल". लेकिन आखिर ये होता क्या है? कैसे राजनीतिक पार्टियों की हार-जीत का अनुमान लगाया जाता है, आइए जानते हैं.
एग्जिट पोल एक ऐसा सर्वे है जो चुनाव के आसपास के समय में मतदाताओं से किया जाता है. इसमें विभिन्न एजेंसी मतदाताओं से पूछती हैं कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को अपना वोट दिया है. एग्जिट पोल के नतीजों का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियों की हार-जीत का अनुमान लगाने के लिए होता है.
बताते चलें कि एग्जिट पोल तैयार करने के लिए सर्वे करने वाले एजेंसी वोटरों का एक प्रतिनिधि नमूना चुन लेती हैं. ये नमूना आमतौर पर जनसंख्या के अलग-अलग आयु समूहों, लिंगों, और सामाजिक-आर्थिक वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है. सर्वे एजेंसियां नमूने के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से या फिर फोन पर बातचीत करती हैं.
किस पर निर्भर करती है एग्जिट पोल के नतीजों की सटीकता
एग्जिट पोल के नतीजों की सटीकता नमूने का आकार, नमूने का प्रतिनिधित्व, सवालों का निर्माण और सर्वेक्षण विधि पर निर्भर करती है. नमूना जितना ज्यादा बड़ा होगा. एग्जिट पोल भी उतना ही सटीक होगा. इसके अलावा नमूना जनसंख्या का जितना अधिक प्रतिनिधि होगा. एग्जिट पोल भी उतना ही सटीक होगा. सर्वे टाइप पर भी एग्जिट पोल के नतीजों की सटीकता निर्भर करती है.
सटीक नहीं होते नतीजे
एग्जिट पोल के नतीजों को राजनीतिक दलों व मीडिया की तरफ से चुनावों की परिणामों का अनुमान लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा बिलकुल सटीक नहीं होते हैं. कई बार ये परिणाम चुनावों के नतीजों से अलग होते हैं. हमारे देश में चुनाव आयोग एग्जिट पोल के प्रसारण को मतदान के आखिरी चरण के बाद ही अनुमति प्रदना करता है. यह इसलिए किया जाता है ताकि एग्जिट पोल के परिणाम मतदाताओं को प्रभावित ना करें.
कई तरह से किया जा सकता है इस्तेमाल
- चुनावों के परिणामों का अनुमान.
- राजनीतिक दलों के प्रदर्शन का विश्लेषण.
- मतदाताओं के रुझानों का अध्ययन.
- चुनावी रणनीति बनाने में सहायता.
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