Fastag Rules: साल 2014 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम यानी फास्टैग की सुविधा शुरू हो गई थी. तब फास्टैग भारत में कुछ ही जगह इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन धीमे-धीमे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा पूरे भारत में अनिवार्य कर दिया गया. 


अब सभी को टोल प्लाजाओं पर टोल टैक्स चुकाने के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करना पड़ता है. फास्टैग को लेकर अब भारत में पांच जरूरी नियम हैं. जिनका पालन सभी को करना होता है. अगर कोई इन नियमों को फाॅलो नहीं करता तो फिर उसका फास्टैग ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. चलिए आपको बताते हैं इन पांच नियमों के बारे में. 


पांच साल पुराना फास्टैग बदलना होगा


फास्टैग के लिए तय किए गए नियमों के मुताबिक अगर आपका फास्टैग 5 साल पुराना हो चुका है. तो फिर आपको वह फास्टैग बदलना होगा. और उसके बदले आपको एक नया फास्ट्रेक लेना होगा. इसके लिए आपको केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. यानी जिस बैंक से आपका फास्ट ट्रैक कनेक्ट है उसके पोर्टल पर आपके लॉगिन करना होगा. 


उसके बाद वहां आपको गाड़ी की आरसी अपलोड करनी होगी गाड़ी के सामने से और साइड की ओर से फोटो अपलोड करने होंगे तो साथ ही अपना आईडी कार्ड भी अपलोड करना होगा. इसके बाद आपको तय की गई फीस चुकानी होगी. इसके बाद आपको नया फास्टैग जारी कर दिया जाएगा 


विंडशील्ड पर ही लगाना होगा फास्टैग


सामान्य तौर पर लोग फास्टैग को गाड़ी पर कहीं भी चिपका लेते हैं. तो बहुत से लोग उसे चिपकाते ही नहीं है.   लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं. तो फिर आपकी जेब पर बोझ बढ़ सकता है. क्योंकि नए नियमों के मुताबिक आपको विंडशील्ड पर ही फास्टैग चिपकाना ही है. क्योंकि अगर आपने अगर विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं चिपकाया तो फिर आपको डबल टोल टैक्स देना पड़ सकता है. 


तीन साल बाद होगी दोबारा KYC


फास्टैग के नियमों के मुताबिक अगर आपका फास्टैग 3 साल पुराना हो चुका है.  तो फिर आपको उसकी री-केवाईसी करवानी पड़ती है. यानी आपको दोबारा से केवाईसी करवानी पड़ती है. प्रोसेस वही है जो आपका 5 साल बाद फास्टैग बदलवाने के लिए करनी पड़ेगी. इसके लिए अब पास 31 अक्टूबर 2024 तक का समय है. इसके बाद भी अगर आपने री-केवाईसी कंप्लीट नहीं की तो फिर आपका फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो जाएगा. 


नई गाड़ी के लिए 90 दिन का समय


अगर आपने नई कार ली है तो फिर आपको नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन 90 दिनों का समय दिया जाता है. यानी इस अवधि के बीच ही आपको उस नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर और चेचिस नंबर अपलोड करना होगा. यानी कि उसमें आपको नई गाड़ी की डिटेल्स दर्ज करनी होगी. इसके लिए 90 दिन का समय दिया जाता है. इसके बाद भी अगर प्रोसेस कंप्लीट नहीं होती तो आपको 30 दिन का एक्सट्रा मिलता है. 


मोबाइल नंबर लिंक जरूरी 


फास्टैग के बारे में एक जरूरी बात यह कि आपको उसके साथ अपना मोबाइल नंबर लिंक भी करवाना होगा. जब आप फास्टैग लेते हैं तो आपका नंबर लिंक होता है. लेकिन कई बार लोग नंबर बदल लेते हैं या फिर नंबर बंद हो जाता है. अगर ऐसा होता है तो फिर आपको पोर्टल से दोबारा नंबर लिंक करना होता है. 


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