गैस सिलेंडर फट जाए तो कितना मिलता है मुआवजा, इसे हासिल करने की क्या है प्रक्रिया?
गैस सिलेंडर को लेकर कई सारे रुल्स भी हैं जो कई सारे लोगों को मालूम भी नहीं है. ठीक इसी तरह कई लोगों को ये भी नहीं मालूम होगा कि गैस सिलेंडर का बीमा भी होता है.
गैस सिलेंडर चाहे घरेलू हो या फिर कमर्शियल, इसके बिना काम चल पाना लगभग नामुमकिन है. देशभर में करोड़ों लोग खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं. हर दूसरे महीने लोगों को इसकी जरूरत पड़ती है. सरकार कंपनियों को गैस एजेंसी देकर इसका वितरण करती है. गैस सिलेंडर को लेकर कई सारे रुल्स भी हैं जो कई सारे लोगों को मालूम भी नहीं है. ठीक इसी तरह कई लोगों को ये भी नहीं मालूम होगा कि गैस सिलेंडर का बीमा भी होता है, इसका सीधा मतलब ये है कि अगर आपको गैस सिलेंडर कोई हानि पहुंचाता है तो आपको सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाता है.
इतने लाख रुपये तक कवर करता है बीमा
गैस सिलेंडर पर सरकार की तरफ से 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर होता है. यानी अगर खाना पकाते वक्त गैस सिलेंडर फट जाता है और आपको हानि पहुंचती है तो सरकार आपको 10 लाख रुपये तक की सहायता देती है. देशभर में कई सारे मामले हर साल गैस सिलेंडर फटने के आते हैं, जिनमें कई लोगों की मौत हो जाती है तो कई सारे लोग घायल हो जाते हैं. सिलेंडर फटने के चलते मकान को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है. हालांकि भारत में काफी कम ही लोग ऐसे होते हैं जो ऐसे हादसों के बाद मुआवजे का दावा करते हैं.
इस काम को दें प्राथमिकता
सिलेंडर का ये बीमा एक थर्ड पार्टी बीमा होता है, जैसे ही कोई अपना गैस कनेक्शन लेता है तो बीमा खुद ही हो जाता है. इसका प्रीमियम गैस एजेंसी की ही तरफ से जाता है. बीमा लेने के लिए सबसे पहले आपको इसके लीक होने या फिर फटने की जानकारी पुलिस और गैस एजेंसी को देनी होगी. इसके बाद एजेंसी के लोग मौके पर आएंगे और जांच करेंगे कि हादसा कैसे हुआ. इसके बाद एक रिपोर्ट बनाई जाती है, जिसके आधार पर बीमा दिया जाता है. कुल मिलाकर अगर आपके घर में गैस सिलेंडर लीक हो रहा हो या फिर इसमें किसी भी तरह की कोई दिक्कत हो तो तुरंत एजेंसी से संपर्क करें, ऐसा करने पर आप किसी बड़े हादसे को टाल सकते हैं.
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