Generation Beta First Child In India: आपने अक्सर सोशल मीडिया पर एक टर्म खूब सुना होगा. जेन जी़ (Gen Z) यानी जेनरेशन Z यह टर्म मिलेनियल्स के बाद पैदा होने वालों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साल 1997 से लेकर 2012 के बीच जन्मे लोगो को जेनरेशन Z यानी जेन Z कहे जाते हैं. कुछ दिनों पहले ही साल 2025 भी शुरू हो चुका है और अब जो भी बच्चे पैदा  पैदा होंगे.


वह एक अलग जेनरेशन के कहे जाएंगे. साल 2025 से पैदा होने वाले बच्चों को जेनरेशन बीटा यानी जेन बीटा कहा जाएगा. भारत में जेनरेशन बीटा के पहले बच्चे ने जन्म भी ले लिया है. चलिए आपको बताते हैं कहां पैदा हुआ है पहला जेनरेशन बीटा. और क्यों रखा गया इस जनरेशन का नाम जेनरेशन बीटा.  


मिजोरम में पैदा हुआ पहला जेन बीटा


भारत का पहला जेन बीटा यानी जेनरेशन बीटा का पहला बच्चा मिजोरम राज्य में पैदा हुआ है. जेड्डी रेमरुअत्संगा और रामजिरमावी के घर इस बच्चे ने जन्म लिया. इसका नाम फ्रैंकी रखा गया है. 1 जनवरी को रात 12:03 पर इस बच्चे का जन्म हुआ और इसी तरह यह जेनरेशन बीटा में जन्म लेने वाला पहला बच्चा बन गया. समान्य तौर पर जनरेशन 20 साल में बदलती हैं. लेकिन इस बार महज 11 साल में ही जेनरेशन बदल गई. इससे पहले साल 2013 से लेकर साल 2024 तक के बच्चों को जेन अल्फा यानी जेनरेशन अल्फा कहा जाता है. तो उससे पहले जन्म लेने वाले बच्चों को जेन जी़ यानी जेनरेशन Z कहा जाता है. 


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इस वजह से रखा जनरेशन बीटा नाम


जेनरेशन बीटा टर्म सुनकर आपके दिमाग में ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर क्या सोच के इसका नाम जेनरेशन बीटा रखा गया. दरअसल सभी जेनरेशन यानी पीढियों के नाम उस समय की तात्कालिक परिस्थितियों और हालातों के आधार पर तय किए गए थे. जो दुनिया में कनेक्टिविटी बड़ी और लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलने लगी उसे जनरेशन को जेनरेशन Z यानी जेन जी़ कहा गया.


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तो वहीं जेनरेशन बीटा उस जनरेशन को कहा गया है. जिस जनरेशन में इंटरनेट से जुड़ी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं. जिन्हें सामान खरीदने के लिए बाहर नहीं जाना होगा. जिन्हें खाना खाने के लिए बाहर नहीं जाना होगा. बस एक फोन क्लिक से ही सब चीजें मिल जाएंगी. समाज विज्ञानी मार्क मैक्रिंडल ने इस शब्द को कॉइन किया है. 


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