Indian Railway Rules For Waiting Tickets: भारतीय रेलवे से रोजाना करोड़ों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. जिनके लिए रेलवे रोज कई हजारों ट्रेन चलाता है. ट्रेन में यात्रा करने के लिए बहुत से लोग पहले ही बुकिंग करवा लेते हैं. सफर के दौरान सीट मिल सके और उनकी यात्रा सहूलियत भरी हो सके. लेकिन कई बार जब अपनी टिकट बुक करवाते हैं.
तो उन्हें कंफर्म सीट नहीं मिलती. वेटिंग की टिकट मिल जाती है. वेटिंग टिकट के कंफर्म होने को लेकर नियम बनाया गया है. कौनसी वेटिंग टिकट पहले होगी कंफर्म. रेलवे में 7 तरह की वेटिंग लिस्ट होती हैं. जिनमें GNWL, RLWL, PQWL, TQWL ,RSWL और RAC होती हैं. आज हम आपको बताएंगे. GNWL और PQWL में कौनसी वेटिंग पहले कन्फर्म होती है.
जनरल वेटिंग लिस्ट
जनरल वेटिंग लिस्ट यानी GNWL रेलवे द्वारा जारी किए जाने वाले वह वेटिंग लिस्ट टिकट होती है. जो यात्री गोवर्धन स्टेशन जहां से ट्रेन शुरू होती है वहां से यात्रा कर रहा होता है तब दी जाती है. जैसे अगर कोई चेन्नई से बेंगलुरु जाने का ट्रेन का टिकट चेन्नई से लेता है. और वह टिकट वेटिंग में होता है.
तो फिर उसे जनरल वेटिंग लिस्ट यानी GNWL दिया जाता है. लेकिन अगर वह आगे के किसी और स्टेशन से टिकट बुक करता है. तो फिर ऐसे में उसे जनरल वेटिंग लिस्ट GNWL नहीं मिलेगा. ट्रेन में जनरल वेटिंग लिस्ट यानी GNWL के कंफर्म होने का चांस सबसे ज्यादा होता है.
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पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट
पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट यानी PQWL कोटा उन यात्रियों को दिया जाता है. जो यात्रा के लिए शुरू होने वाली ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से लेकर उसके बीच तक के स्टेशनों से सफर शुरु करता है. तब उसे यह PQWL टिकट दिया जाता है.
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किसी ट्रेन के रूट के बीच में पड़ने वाले छोटे स्टेशनों बुकिंग करने पर जब टिकट वेटिंग में होती है. तब यात्रियों को पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट यानी PQWL टिकट मिलता है. पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट के चांस जनरल वेटिंग लिस्ट कोटा टिकट के कंफर्म होने से काफी कम होते हैं.
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