Cyclone: रेमल साइक्लोन में मकान या दुकान तबाह हो गए तो कैसे मिलेगा इंश्योरेंस या फिर एक्ट ऑफ गॉड का फंसेगा मसला?
Remal: होम इंश्योरेंस में आपको आग, धमाका या विस्फोट, बिजली गिर जाना, भूकंप, ज्वालामुखी, तूफान, साइक्लोन, बाढ़, भूस्खलन, दंगे या हड़ताल से होने वाले नुकसान का कवरेज मिलता है.
चक्रवात रेमल भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और ये रविवार (26 मई) को शाम करीब साढ़े 8 बजे तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के करीब पहुंच चुका था. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भविष्यवाणी की थी.
पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में बहुत भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है तो कोलकाता और इसके आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी. चक्रवात रेमल से निपटने की तैयारी में, भारतीय नौसेना मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए एक व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. इस बीच अगर किसी का घर चक्रवात या तूफान में उड़ जाता है या बह जाता है तो उसके लिए बीमा के क्या नियम होंगे हम आपको बताएंगे.
बीमा करवाने से मिलेगा फायदा
आज के समय में प्राकृतिक आपदा का आना एक दम आम सा हो गया है, जहां देखो आए दिन भूकंप, तूफान और चक्रवात जैसी आपदाएं आती ही रहती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ऐसी आपदाओं में अगर आपका आशियाना उजड़ जाए तो आप किसके पास जाएंगे या फिर किसे जिम्मेदार ठहराएंगे? इसके लिए आपको किसी को दोषी ठहराने की जरूरत नहीं है, आपको सिर्फ अपने घर का बीमा करवाना है और निश्चिंत होकर सब बीमा कंपनी पर छोड़ देना है.
इसके लिए आपको सबसे पहले बीमा कंपनी की तुलना करवाने वाली वेबसाइट पर जाना होगा, इसके बाद आपको वहां यह बताना होगा कि आपके घर और उसमें रखे सामान की कीमत कितनी है और आपका घर कितने एरिया में बना है. इसके बाद आपको आपके मकान के लिए जरूरी और सही बीमा पॉलिसी की लिस्ट दे दी जाएगी, आप अपना फायदा देखकर अपने लिए बीमा करवा पाएंगे, इसके लिए आपको जरुरी रकम चुकानी होगी इसके बाद आपको बीमा पॉलिसी एक मेल के जरिए और डाक के जरिए दे दी जाएगी.
इन घटनाओं पर मिलता है बीमे का कवरेज
होम इंश्योरेंस में आपको आग, धमाका या विस्फोट, बिजली गिर जाना, भूकंप, ज्वालामुखी, तूफान, साइक्लोन, बाढ़, भूस्खलन, दंगे या हड़ताल से होने वाले नुकसान, आतंकवाद, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर से हुआ नुकसान, चोरी जैसी घटनाओं पर कवरेज मिलता है. जिस वक्त आप इंश्योरेंस लें, उस वक्त अलग-अलग कंपनियों की तरफ से दिए जा रहे कवरेज की तुलना जरूर कर लें. पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही आप बीमा करवाएं.सबसे पहले तो आपको ये देख लेना चाहिए कि होम इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर है. कहीं ऐसा ना हो कि इंश्योरेंस कंपनी दैवीय आपदाओं से आपके घर को प्रोटेक्शन दे ही ना रही हो और आप सोच रहे हों कि सब कुछ कवर हो चुका है. अगर बीमा कंपनी आपको दैवीय आपदाओं से कवर नहीं देती है तो आप इंश्योरेंस का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे.
सरकार भी देती है मुआवजा
भारत में प्राकृतिक आपदाओं की दुर्घटनाओं के लिए केन्द्र सरकार ने साल 2022 में लोकसभा में बिल पेश किया था. जिसमें प्राकृतिक आपदाओं के शिकार पीड़ितों के पुनर्वास और वित्तीय सहायता के बारे में जानकारी दी थी. किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान किस तरह से पीड़ितों को मदद की जाए. और नुकसान होने पर उन्हें किस तरह मुआवजा दिया जाए. इसे लेकर पास किए गए बिल में इस बात जिक्र था कि अगर किसी इंसान की मृत्यु हो गई तो.
वह कितने मुआवजे का हकदार होगा. दी गई जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ मिलकर पीड़ित को न सिर्फ आर्थिक मदद देगी. बल्कि उसे अन्य सहायताएं भी दी जाएंगी. बादल फटने, बाढ़ आने या अन्य किसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते होने वाली मृत्यु पर सरकार की ओर कम से कम 10 रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी. इसके साथ ही परिवार में किसी आश्रित को नौकरी भी दी जाएगी.
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