किन लोगों को सरकार मुहैया कराएगी किराए के मकान, इसके लिए कैसे कर पाएंगे अप्लाई?
House On Rent For Workers: भारत सरकार फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को या कहीं और काम करने वाले दूसरे शहरों से आए मजदूरों को किराए पर घर मुहैया करवाएगी. क्या है पूरी प्लानिंग चलिए आपको बताते हैं.
House On Rent For Workers: जब कोई किसी दूसरे शहर में शिफ्ट होता है. तो सबसे पहले उसे अपने रहने का बंदोबस्त करना होता है. और इसके लिए वह एक किराए का घर ढूंढता है. अगर कोई छोटे शहर से बड़े शहर में जाता है. तो फिर किराए का घर ढूंढना काफी मुश्किल काम हो जाता है. क्योंकि वहां जो घर मिलते हैं. वह काफी महंगे होते हैं. और खास तौर पर जो लेबर क्लास है. जो लोग किसी फैक्ट्री में काम करते हैं. या कहीं और काम करते हैं.
जो छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर रोजगार की तलाश में जाते हैं. ऐसे लोगों के लिए किराए के घर लेना काफी मुश्किल काम होता है. क्योंकि उनकी कमाई का एक अच्छा खासा हिस्सा इसमें चला जाता है. इसीलिए अब भारत सरकार फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को या कहीं और काम करने वाले दूसरे शहरों से आए मजदूरों को किराए पर घर मुहैया करवाएगी. क्या है पूरी प्लानिंग चलिए आपको बताते हैं.
फैक्ट्री के पास में ही घर देगी सरकार
साल 2024 के बजट में भारत सरकार द्वारा कामगार मजदूर जो छोटे शहर छोड़ कर बड़े शहरों की फैक्ट्री में काम करने जाते हैं. उनके लिए पीपीपी मॉडल यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत कम कीमत पर किराए के घर उपलब्ध करवाए जाएंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में पीपीपी मॉडल के तहत शहरों में काम करने वाले मजदूरों को किराए पर सस्ते घर मुहैया करवाने का ऐलान किया.
इन घरों को डॉरमेट्री की तरह बनाया जाएगा और इनमें प्राइवेट कंपनियों की पार्टनरशिप होगी. इन इमारतों का निर्माण खास तौर पर फैक्ट्री और जहां कामकाज होगा वहां किया जाएगा. और इनका किराया सामान्य तौर पर जो किराया लगता है उससे काफी कम होगा. इससे छोटे शहरों से आए कामकाजी मजदूरों को खराब जगह पर रहना नहीं पड़ेगा. और उन्हें रहने के लिए ज्यादा पैसे भी नहीं देने होंगे.
कहां बनाए जाएंगे यह घर ?
सरकार द्वारा जारी किए गए बजट में बड़े शहरों को विकास केंद्र रूप में बनाने को लेकर ऐलान किया गया है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर कामकाजी लोगों के लिए घर बनाने की प्लानिंग करेगी. सरकार द्वारा 30 लाख से ज्यादा की आबादी के कुल 14 शहरों को इस योजना में चिन्हित किया जाएगा. यहां पर इन इमारत का निर्माण किया जाएगा. हालांकि इस प्लानिंग के तहत मजदूरों को किस तरह से लाभ मिलेगा. वह किस तरह से घर के लिए अप्लाई कर सकेंगे. फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है.
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