हाथरस के सिकंदराराऊ में एक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 27 लोगों की मौत की खबर आ रही है. बताया जा रहा है कि यह हादसा भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से हुआ. अगर आप भी किसी इवेंट में शामिल हुए हैं और वहां भगदड़ मच जाए तो कैसे अपनी जान बचाएं? ये टिप्स आपके और आपके प्रियजनों के बेहद काम आ सकते हैं.


कैसे बचाएं अपनी जान?


अब बड़ा सवाल यह है कि अगर आप इस तरह की किसी भगदड़ में फंस गए हैं तो अपनी जान कैसे बचाएं? अगर आप किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हैं और वहां भगदड़ मच रही है तो सबसे पहले इन टिप्स पर काम करें. सबसे पहले तो आप लोगों को शांत करने की कोशिश करें. दरअसल, भगदड़ मचने पर लोग इधर-उधर भागने लगते हैं, जिसके चलते भागने की कोशिश में कमजोर लोग अक्सर गिर जाते हैं और लोगों के पैरों तले कुचल जाते हैं.


इधर-उधर कभी नहीं भागें


अगर आप भगदड़ में फंस गए हैं और समझाने पर भी लोग नहीं मान रहे हैं तो कोशिश करें कि आप किसी मजबूत चीज के सहारे रुक जाएं. भीड़ के साथ निकलने की कोशिश कभी न करें, क्योंकि भीड़ में धक्का लगने पर आप गिर सकते हैं, जिससे गंभीर चोट लग सकती है और जान जाने का खतरा भी रहता है. अगर आप किनारे खड़े हैं तो भीड़ के बीच में जाने से बचें. 


खुद को ऐसे संभालें


भगदड़ के दौरान लोग चीखने-चिल्लाने लगते हैं और शोर मचाने लगते हैं, लेकिन आप खुद को शांत रखें. सुनने में यह अटपटा है, लेकिन ऐसे हालात में आप खुद को शांत रखकर ही किसी भी अप्रिय स्थिति से बच सकते हैं. इस दौरान अपने दोनों हाथ किसी बॉक्सर की तरह अपने सीने पर रख लें. इससे भीड़ में आप दब तो सकते हैं, लेकिन आपके शरीर पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ेगा.


बैलेंस बनाकर बचा सकते हैं जान


भगदड़ के दौरान आप अपना बैलेंस बनाकर जान बचा सकते हैं. दरअसल, भगदड़ में सबसे ज्यादा मौत जमीन पर गिरने की वजह से होती है. ऐसे में आप कोशिश करें कि आप किसी भी हालत में जमीन पर न गिरें. इस दौरान आप आसपास मौजूद लोगों को एकजुट करके दीवारनुमा स्थिति बना सकते हैं, जिससे भीड़ की धक्कामुक्की का असर आप पर नहीं होगा.


यह है पूरा मामला


बताया जा रहा है कि हाथरस जिले में सिकंदराराऊ कस्बा है, जहां फुलरई गांव में मंगलवार (2 जुलाई) को भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. जब सत्संग खत्म हुआ और लोग निकलने लगे तो अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें महिलाएं और बच्चे बुरी तरह कुचल गए. जानकारों की मानें तो इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. एटा के सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने अब तक 27 डेडबॉडी मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया है कि जान गंवाने वालों में 25 महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं. 


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