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होम लोन लेते वक्त को-एप्लिकेंट रखें या नहीं? जानें इसके फायदे और नुकसान

Home Loan Co Applicant: को-एप्लिकेंट होने के साथ आपका होम लोन एप्लीकेशन पर क्या प्रभाव पड़ता है. और इसका क्या होता है फायदा चलिए आपको बताते हैं. 

Home Loan Co Applicant: घर खरीदना सबके जीवन का एक सपना होता है. बहुत से लोग इसके लिए खूब पैसे जमा करते हैं. तो बहुत से लोगों के पास इतने पैसे जमा नहीं हो पाते हैं. तो ऐसे में वह लोग होम लोन ले लेते हैं. लेकिन होम लोन लेते वक्त आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है.

जिनसे आपको लोन चुकाने में दिक्कत ना हो. लोन लेते वक्त कई बार लोग अकेले लोन लेते हैं. तो कई बार साथ में एक को एप्लिकेंट को भी रखते हैं. को-एप्लिकेंट होने के साथ आपका होम लोन एप्लीकेशन पर क्या प्रभाव पड़ता है. और इसका क्या होता है फायदा चलिए आपको बताते हैं. 

क्या होता है को-एप्लीकेंट?

को-एप्लीकेंट यानी सह-आवेदक वह व्यक्ति होता है. जब आप लोन लेने किए किसी बैंक या फिर नाॅन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी में किसी तरह के लोन के लिए आपके साथ आवेदन देते हैं. को-एप्लीकेंट और एप्लीकेंट दोनों ही लिए गए लोन के लिए मिलकर ज़िम्मेदार होते हैं. अगर आप को-एप्लीकेंट के साथ मिलकर होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं. तो फिर आपको होम लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. 

कौन हो सकता है को-एप्लीकेंट?

ज्यादा लोन लेने वाले बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों की को-एप्लीकेंट बनने के लिए कुछ गाइडलाइंस होती हैं. जैसे कौन आवेदक के साथ से सह-आवेदक यानी को-एप्लीकेंट के तौर पर शामिल हो सकता है. इसमें हस्बैंड वाइफ को-एप्लिकेंट के तौर पर शामिल हो सकते हैं. बेटे और पिता साथ को-एप्लीकेंट बन सकते हैं. अविवाहित बेटी और पिता को एप्लिकेंट बन सकते हैं. तो इसके साथ ही भाई बहन को-एप्लीकेंट बन सकते हैं. लेकिन 18 साल से नीचे का कोई भी आवेदक के साथ को-एप्लिकेंट के तौर पर शामिल नहीं हो सकता.  

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को-एप्लीकेंट होने के फायदे

बढ़ जाती है लोन मिलने की संभावना 

आप लोन लेना चाहते हैं तो किसी को-एप्लिकेंट के साथ अगर आप लोन एप्लीकेशन फाइल करते हैं. तो फिर आपके लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. क्योंकि लोन देने वाला बैंक या कंपनी आपके लोन एप्लीकेशन को रिव्यू करते समय आपकी और को-एप्लीकेंट दोनों की इनकम को देखते हैं. जिससे आपको ज्यादा लोन भी मिल सकता है.  

क्रेडिट स्कोर से भी फायदा होता है 

लगभग सभी बैंक और लोन कंपनियां लोन देते वक्त क्रेडिट स्कोर चेक करती हैं. अगर आपके साथ एक अच्छे क्रेडिट स्कोर वाला को-एप्लीकेंट है. तो आपकी एप्लीकेशन को अप्रूव होने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती. और इससे आपको कम इंटरेस्ट रेट पर भी लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. 

आधा हो जाता है आर्थिक बोझ

पैसा बाजार की कम्युनिकेशन मैनेजर मालविका सिंघल के मुताबिक होम लोन लेते वक्त साथ में एक को-एप्लीकेंट होने का जो सबसे बड़ा फायदा होता है कि आप पर ज्यादा आर्थिक बोझ नहीं आता. आवेदक और को एप्लिकेंट दोनों ही रीपेमेंट के लिए जिम्मेदार होते हैं. इससे ईमआई दोनों में आधी आधी बंट जाती है. और लोन चुकाने में दिक्कत नहीं होती. 

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टैक्स में बचत होती है 

इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के तहत होम लोन लेने वाले आवेदक और सह-आवेदक टैक्स में छूठ के लिए पात्र होते हैं. नियमों के अनुसार होम लोन के लिए आवेदन देने वाले आवेदक और सह आवेदक दोनों को धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स में छूट मिलती है. इसके साथ ही धारा 24 (बी) के तहत ₹200000 तक की और छूट दी जाती है. 

महिला आवेदकों को मिलती है छूट

लोन लेते वक्त अगर आपके साथ कोई महिला आवेदक है. तो आपको काम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिल सकता है क्योंकि बहुत से बैंक और कंपनियां महिलाओं को इसमें छूट देते हैं. जिससे लंबे समय के लिए आपकी अच्छी बचत हो सकती है. 

बढ़ सकता है लोन टेन्योर

अगर आपके साथ लोन लेने वाल को-एप्लीकेंट युवा है. तो फिर आपके लोन का टेन्योर बढ़ सकता है. जिससे आपकी ईएमआई कब बनेगी. हालांकि इससे आपको लोन पर ब्याज ज्यादा देना पड़ जाएगा. 

को-एप्लीकेंट होने के नुकसान

होम लेन लेते वक्त को-एप्लीकेंट होने के जहां फायदे हैं वहां थोड़े से नुकसान भी हैं. अगर दो लोग साथ में मिलकर लोन लेते हैं, तो लोन को चुकाने की जिम्मेदारी भी दो लोगों की हो जाती है. लेकिन अगर इनमें से कोई एक भी लोन की कोई ईएमआई मिस करता है. तो दोनों के क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है. पर आपने किसी सही व्यक्ति को को-एप्लीकेंट नहीं बनाया. तो फिर आपको लेने के देने पड़ सकते हैं. इसीलिए को-एप्लिकेंट बनाते वक्त सावधानी जरूर बरतें.

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