House Buying Tips: किसी शहर में किसी का अपना घर हो तो उसके अलग ही मायने होते हैं. शुरू से ही घर खरीदना सभी का एक सपना होता है. इसके लिए लोग जी तोड़ मेहनत करते हैं. खूब जमा पूंजी इकट्ठी करते हैं. तब जाकर बड़ी मुश्किलों से एक घर के लायक पैसे जोड़ पाते हैं. लोग घर खरीदते वक्त कई सारी चीजों को ध्यान देते हैं. जैसे जगह कहां है घर की बनावट कैसी है.


उसकी कीमत क्या है. कुछ भारतीय लोग जो लोग भारत से बाहर बस चुके होते हैं. ऐसे लोग भारत में भी प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं. अगर आप भी किसी ऐसे एनआरआई से घर खरीद रहे हैं. तो आपको खास तौर पर कुछ चीजों को ध्यान में रखना होता है.  क्योंकि रोज-रोज घर नहीं खरीदा जाता. इसमें जरा सी गलती से आपको लाखों करोड़ों का नुकसान हो सकता है. 


NRI से घर खरीदें तो इन बाताों का रखें ध्यान


प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको भारतीय कानूनों का पालन करना होता है. अगर आप किसी भारतीय नागरिक से प्रॉपर्टी खरीदते हैं. तो इसके लिए अलग नियम होते हैं. वहीं अगर आप किसी ऐसे भारतीय से खरीदते हैं. जो विदेश में सेटल हो चुका है, यानी जो नाॅन रेजिडेंट इंडियन है. तो फिर आपको भारत के इनकम टैक्स कानून के कुछ नियम होते हैं. उसके तहत प्रक्रिया को पूरा करना होता है. NRI से प्रॉपर्टी खरीदने के मामले में पेपर वर्क और बाकी प्रक्रिया थोड़ी सी कठिन होती है.


टैक्स को लेके समझ लें नियम


एनआरआई से प्रॉपर्टी खरीदते वक्त टैक्सेशन की प्रक्रिया सामान्य से अलग होती है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 195 के तहत आप किसी भारतीय से प्रॉपर्टी खरीदने हैं तो आपको एक प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है. वहीं अगर आप किसी एनआरआई से इमूवेबल प्रॉपर्टी खरीदने हैं तो आपको उसके मुकाबले 20% टैक्स चुकाना होता है. अगर किसी भारतीय से 50 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी खरीदी जाती है. तो कोई टैक्स नहीं देता देना होता. 


लेकिन वहीं किसी एनआरआई से 50 लाख से कम की प्रॉपर्टी खरीदी जाती है. तो 20.80 परसेंट टीडीएस चुकाना होता है, 50 लाख से लेकर 1 करोड़ की प्रॉपर्टी के बीच में 22.58 परसेंट टीडीएस देना होता है. तो वहीं एक करोड़ की प्रॉपर्टी पर 23.92 प्रतिशत टीडीएस देना होता है. अगर एनआरआई टेक्स नहीं चुकाता. तो फिर प्रॉपर्टी के नए मालिक से डिपार्टमेंट 12% के ब्याज पर पिछले टैक्स का बकाया वसूलती है. 


TAN बनवाना है जरूरी


जब आप किसी एनआरआई से आपको प्रॉपर्टी खरीदने हैं. तो इनकम टैक्स की धारा 195 के तहत टीडीएस कटौती के लिए आपके पास TAN (टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर) होना जरूरी है. अगर आप प्रॉपर्टी डील कर लेते हैं और TAN के बिना टीडीएस कट जाता है. तो इनकम टैक्स द्वारा आप पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर आपके साथ कोई और भी प्रॉपर्टी में सहभागीदार है तो उसका भी TAN होना जरूरी है. 


प्रॉपर्टी की डील होने तक मलिक को भारत में रहने के लिए कहें


NRI के साथ जब तक आपकी प्रॉपर्टी की डील कंप्लीट नहीं हो जाती और उसकी रजिस्ट्री नहीं हो जाती. तब तक आप प्रॉपर्टी के एनआरआई मलिक को भारत में ही रहने के लिए कहें. ताकि वह रजिस्ट्रार के सामने मौजूद रह सके. लेकिन अगर वह रजिस्टार ऑफिस में डील के दौरान नहीं होता.  तो आप इस बात का पता करें कि उसने प्रॉपर्टी की डील फाइनल करने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी किसे दी है. 


एक ही मालिक को न करें पूरा पेमेंट


जब आप किसी एनआरआई से प्रॉपर्टी खरीद रहे हों. तो आपको यह पता कर लेना चाहिए कि उसे प्रॉपर्टी के कितने ओनर हैं. क्योंकि बाद में अगर प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद उठता है. तो आपको मुश्किल हो सकती है. इसीलिए जितने भी ओनर है. उन सब का पता करें सभी को बराबर पेमेंट का शेयर दें. उसकी डिटेल्स अपने पास रखें. सिर्फ एक ही मालिक को पूरी पेमेंट देने से भविष्य में कानूनी पचड़ों का सामना करना पड़ सकता है. 


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