Electricity: आज लगभग देश के अधिकतर हिस्से में बिजली की सुविधा पहुंच चुकी है. शहरों के अलावा अब देश के गांव भी बिजली की रोशनी में जगमगाने लगे हैं. लेकिन एक समय था जब देश में बिजली की व्यवस्था नहीं थी. फिर पहली बार बिजली से देश का एक शहर रोशन हुआ. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम बताएंगे कि सबसे देश के किस शहर को बिजली मिली थी. हालांकि पहली बार स्ट्रीट लाइट देश के दूसरे शहर में जली थी जो कि न सिर्फ भारत बल्कि एशिया के किसी शहर में जली पहली इलेक्ट्रिक स्ट्रीट लाइट थी.
इस शहर को मिली पहली बार बिजली
भारत में पहली बार बिजली की सुविधा कोलकाता (तब कलकत्ता) को मिली थी. इस शहर में पहली बार 1979 में बिजली की व्यवस्था की गई उसके बाद साल 1981 में दूसरी बार बिजली की व्यवस्था हुई. इसके अलावा एशिया में पहली इलेक्ट्रिक स्ट्रीट लाइट 5 अगस्त 1905 को बैंगलोर में जलाई गई थी.
भारत में पहली बार पनबिजली उत्पादन-
भारत में पहली बार पनबिजली उत्पादन 1897 से किया गया. तब दार्जिलिंग नगर पालिका के लिए सिद्रापोंग में पनबिजली केंद्र की स्थापना की गई थी. गौरतलब है कि दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल राज्य के ही अंतर्गत आता है.
अब बिजली उत्पादन में काफी आगे है भारत
एक समय था जब देश गांव तो बहुत दूर की बात है बल्कि बड़े शहरों को भी बिजली ठीक से नहीं मिल पाती थी. लेकिन आज के समय भारत दुनिया के शीर्ष बिजली उत्पादक देशों में से एक है. हमारे देश में पनबिजली, तापीय और परमाणु ऊर्जा के साथ ही सोलर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उपयोग करके भी बिजली का उत्पादन किया जाता है. देश के गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए तमाम सरकारी योजनाएं भारत सरकार के द्वारा चलाई गई.
नवीकरणीय ऊर्जा पर केंद्रित किया जा रहा है ध्यान-
बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन की बहुत अधिक खपत वगैरह को ध्यान में रखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के जरिए बिजली उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है. खासकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इसके अलावा पवन ऊर्जा और पानी से बिजली का उत्पादन भी नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा के अंतर्गत आता है.
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