(Source: Poll of Polls)
बैंक डूब जाए तो आपको कितने रुपये वापस मिलेंगे? यहां जानें नियम
Bank Collapses Rule: मान लीजिए आपके अकाउंट में 10 लाख रुपये जमा हैं. अचानक से बैंक खुद को दिवालिया घोषित कर लेता है. ऐसे में आपके पैसे के साथ क्या होगा? कितने रुपये मिलेंगे?
Bank Collapses Rule: कुछ दिन पहले की बात है. ज्यादा पहले नहीं, इसी साल अमेरिका स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के दिवालिया होने के बाद बैंकों में जमा राशि को लेकर लोगों की चिंता बढ़ा दी थी. लोगों को इंडिया में बैंक के डूबने का डर सताने लगा. कुछ को 2019 में भारत के पीएमसी बैंक पर आया संकट याद आया. एक्सपर्ट को मंदी की डर सताने लगी. हर कोई अपने हिसाब से चिंता करने में लग गया. मंदी तो आ गई, लेकिन भारत में कोई बैंक इस बार नहीं डूबा. जरा सोचिए कि अगर ऐसा हो जाए तब आपके पैसे कितने सुरक्षित होंगे. क्या जितने रुपये आपने जमा किए हैं, वह सब आपको मिल जाएगा या उसमें से कुछ बैंक के साथ खत्म हो जाएगा. आइए नियम समझते हैं.
बैंक डूब जाए तो आपको कितने रुपये वापस मिलेंगे?
वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक इत्यादि जैसे सभी बैंकों में प्रति व्यक्ति प्रति बैंक 5 लाख रुपये तक बैंक जमा सुरक्षित हैं. सभी शहरी सहकारी बैंक, जैसे सारस्वत बैंक, कॉसमॉस बैंक और यहां तक कि पेमेंट्स बैंक जैसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक आदि में भी कोई संकट आती है तो 5 लाख रुपये व्यक्ति को वापस मिलेंगे. भारत सरकार बैंक जमा के लिए जमा बीमा प्रदान करती है. यह बीमा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन द्वारा प्रदान किया जाता है. यदि कोई बैंक विफल हो जाता है, तो DICGC प्रति बैंक प्रत्येक जमाकर्ता को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज प्रदान करेगा. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई बैंक डीआईसीजीसी के तहत बीमाकृत है या नहीं, जमाकर्ता संबंधित बैंक शाखा से जांच कर सकता है.
दो बैंकों में पैसा जमा है तब?
जमा बीमा कवरेज प्रत्येक बैंक में जमा राशि पर अलग से लागू किया जाता है. इसलिए यदि किसी ग्राहक के पास दो अलग-अलग बैंकों में पैसा है, तो दोनों जमाओं को जमा बीमा कवरेज के तहत 5 लाख रुपये की सीमा तक अलग-अलग कवर किया जाएगा. यदि किसी व्यक्ति के एक ही बैंक में दो खाते हैं जिनमें कुल राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो कुल कवर 5 लाख रुपये तक सीमित होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, किसी बैंक की विभिन्न शाखाओं में रखी गई जमा राशि को बीमा कवर के उद्देश्य से एकत्र किया जाता है और अधिकतम पांच लाख रुपये तक की राशि का भुगतान किया जाता है.
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