How EPFO Works: अगर आप नौकरी कर रहे हैं तो 40 साल बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी? दरअसल निजी क्षेत्र में कर्मचारियों के लिए के लिए भी रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. हालांकि, यह स्कीम संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है. इस स्कीम को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है. वहीं, ईपीएफ अकाउंट में इम्प्लॉई और एम्प्लायर (कंपनी) दोनों योगदान करते हैं.
आपको बताते चलें कि यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी प्लस डियरनेस अलाउंस का 12-12 फीसदी होता है. इसके अलावा सरकार हर साल EPF की ब्याज दरें तय करती हैं. उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए EPF पर सालाना 8.1 फीसदी ब्याज मिला. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
क्या है ईपीएफ का पूरा समीकरण?
इसको इस उदाहरण से समझा जा सकता है. मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस मिलकार 15,000 रुपये है. वहीं, आपकी उम्र 40 साल है, तो रिटायरमेंट तक यानी 58 साल की उम्र तक आपके पास 27.66 लाख रुपये रिटायरमेंट फंड तैयार हो सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं ईपीएफ स्कीम में मैक्सिमम 58 साल तक ही कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं.
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इस तरह समझें ईपीएफ का कैलकुलेशन
बेसिक सैलरी+DA= 15,000 रुपये
मौजूदा उम्र= 40 साल
रिटारमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.1 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= ₹27.66 लाख
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बताते चलें कि EPF अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (महंगाई भत्ते) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन अकाउंट में जमा होती है और शेष 3.67 फीसदी रकम ही ईपीएफ अकाउंट में जाती है.
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