कोई ऑनलाइन मोड में ठग रहा है तो कोई कॉल करके ठगी का शिकार बना रहा है. अब ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनमें स्कैमर्स ने मजदूरों तक को नहीं बख्शा है. उन्हें सालभर में करोड़पति बनाने का झांसा देकर करोड़ों का चूना लगा दिया गया. आइए बताते हैं कि इस तरह के मामले में ठगी से कैसे बचा जा सकता है.


यह है मामला
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने हाल ही में ठगी के एक मामले का खुलासा किया है. आरोपी ने दिहाड़ी मजदूरों को को-ऑपरेटिव सोसायटी से तगड़ा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठग लिए थे. आरोपी की पहचान विनय कुमार मिश्रा के रूप में हुई है. उसने लोगों को मिथिला को-ऑपरेटिव थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसायटी की स्कीम में पैसा निवेश करने के लिए कहा था. विनय दावा करता था कि वह लोगों को सालभर में ही करोड़पति बना देगा. 


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45 लोगों से ठगे इतने करोड़
बताया जा रहा है कि विनय ने 45 लोगों को अपना शिकार बनाया और उनसे 3.05 करोड़ रुपये ठग लिए. इसके बाद वह रकम लेकर फरार हो गया. ईओडब्ल्यू के अफसरों का कहना है कि शुरुआती जांच में इतने ही मामले सामने आए हैं. माना जा रहा है कि ठगी का यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है और ठगी की रकम भी इससे ज्यादा हो सकती है. ईओडब्ल्यू को पहला मामला मई 2024 के दौरान पता चला था, जिसके बाद जांच करके आरोपी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया गया.


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आरोपी ने लगाया था पूरा दिमाग
जांच में सामने आया है कि पहला केस दर्ज होते ही आरोपी अंडरग्राउंड हो गया था. पुलिस से बचने के लिए उसने मोबाइल या किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल भी बंद कर दिया था. हालांकि, टीम ने लोकल इंटेलिजेंस और सर्विलांस की मदद से आरोपी की लोकेशन का पता लगा लिया और उसे जलपाईगुड़ी से गिरफ्तार कर लिया. 


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ठगों के झांसे से कैसे बचें?
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए एक्टिव रहना बेहद जरूरी है. अगर कोई कम समय में ज्यादा मुनाफा दिलाने का झांसा दे रहा है तो उस स्कीम को क्रॉसचेक जरूर करें. अगर स्कीम सरकारी होने का दावा किया जा रहा है कि सरकारी वेबसाइट्स पर जाकर उसकी पड़ताल करनी चाहिए. लालच करने पर तगड़ा नुकसान हो सकता है. अगर कोई स्कीम बता रहा है कि उससे जुड़े सवाल जरूर करें. यह भी जांच लें कि इस तरह की स्कीम क्या वाकई लॉन्च की गई है या नहीं.


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