भारत हाल ही में चीन को पीछे छोड़कर सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना है. इस आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब है. ऐसे में सरकार की ओर से करोड़ों गरीबों को सब्सिडी पर राशन (Subsidized Ration) मुहैया कराया जाता है. सरकार फूड सिक्योरिटी (Food Security) को ध्यान में रखकर कम दाम पर लोगों को अनाज देती है. हालांकि अन्य सरकारी योजनाओं की तरह इसमें भी गड़बड़ियां हो जाती हैं और कई बार या तो राशन मिल नहीं पाता है, या फिर कम वजन और क्वालिटी से जुड़ी दिक्कतें सामने आती हैं.
कोरोना के बाद हुआ विस्तार
कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोगों के सामने खाने-पीने का संकट आ गया. लॉकडाउन लगने से बहुत सारे लोगों का रोजगार चौपट हो गया. फैक्ट्रियां बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हा गए. ऐसे में सरकार ने सब्सिडी पर या नि:शुल्क राशन देने की योजना का विस्तार किया. अभी भी देश भर में करोड़ों परिवारों को सरकार की ओर से मदद मिल रही है.
आसान है शिकायत करना
सबसे पहले आपको बता दें कि गरीब लोगों को यह मदद राशन की दुकान के जरिए दी जाती है. राशन दुकान चलाने वाले डीलर ही मुख्य तौर पर गड़बड़ियां करते हैं. लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें राशन नहीं मिला या अगर मिला तो उसका वजन ठीक नहीं है. कई बार लोग घटिया क्वालिटी का अनाज मिलने की शिकायत करते हैं. अगर आपने भी ऐसी परेशानियों का सामना किया है तो सरकार ने आपके लिए शिकायत करना आसान बना दिया है. सरकार की ओर से हर राज्य के लिए हेल्पलाइन नंबर (Ration Helpline Number) जारी किए गए हैं. आप इन नंबरों पर शिकायत कर सकते हैं और फिर तत्काल आपकी शिकायत पर कार्रवाई होगी.
डीलर पर होगी कड़ी कार्रवाई
आप अपने राज्य के हिसाब से हेल्पलाइन नंबर ऑनलाइन खोज सकते हैं. इसके लिए सरकारी वेबसाइट https://nfsa.gov.in/ पर हेल्पलाइन नंबरों की लिस्ट दी गई है. यहां से आप अपने राज्य का हेल्पलाइन नंबर निकाल सकते हैं और इन नंबरों पर कॉल करके गड़बड़ी की शिकायत कर सकते हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित डीलर की जांच की जाएगी. अगर उसकी गलती पाई गई तो न सिर्फ उसकी डीलरशिप जाएगी, बल्कि जुर्माने से लेकर जेल तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है.
यहां देखें राज्यवार हेल्पलाइन नंबर्स:
- आंध्रप्रदेश: 1800-425-2977
- अरुणाचल प्रदेश: 03602244290
- असम: 1800-345-3611
- बिहार: 1800-3456-194
- छ्त्तीसगढ़: 1800-233-3663
- गोवा: 1800-233-0022
- गुजरात: 1800-233-5500
- हरियाणा: 1800-180-2087
- हिमाचल प्रदेश: 1800-180-8026
- झारखंड: 1800-345-6598, 1800-212-5512
- कर्नाटक: 1800-425-9339
- केरल: 1800-425-1550
- मध्यप्रदेश: 181
- महाराष्ट्र: 1800-22-4950
- मणिपुर: 1800-345-3821
- मेघालय: 1800-345-3670
- मिजोरम: 1860-222-222-789, 1800-345-3891
- नागालैंड: 1800-345-3704, 1800-345-3705
- ओडिशा: 1800-345-6724 / 6760
- पंजाब: 1800-3006-1313
- राजस्थान: 1800-180-6127
- सिक्किम: 1800-345-3236
- तमिलनाडु: 1800-425-5901
- तेलंगाना: 1800-4250-0333
- त्रिपुरा: 1800-345-3665
- उत्तर प्रदेश: 1800-180-0150
- उत्तराखंड: 1800-180-2000, 1800-180-4188
- पश्चिम बंगाल: 1800-345-5505
- दिल्ली: 1800-110-841
- जम्मू: 1800-180-7106
- कश्मीर: 1800-180-7011
- अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह: 1800-343-3197
- चण्डीगढ़: 1800-180-2068
- दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव: 1800-233-4004
- लक्षद्वीप: 1800-425-3186
- पुदुच्चेरी: 1800-425-1082
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