India First Underwater Metro: अब पानी के अंदर दौड़ेगी मेट्रो, भारत के पहले अंडरवाटर ट्रेन की होने जा रही टेस्टिंग, जानिए खासियत
Underwater Metro train: भारत के पहले अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है, जिसे दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसे बनाने में प्रति किलोमीटर 120 करोड़ रुपये का खर्च होगा.
Underwater Metro Train in India: अब पानी के नीचे से भी मेट्रो चलेगी. भारत के पहले अंडर वाटर मेंटा्रे ट्रेन की शुरुआत होने जा रही है. 9 अप्रैल यानी कि कल इसकी टेस्टिंग होगी. ये मेट्रो हुगली नदी में बने टनल से होकर गुजरेगी. इस मेट्रो में 6 कोच जुड़े होंगे. इसके अलावा इस मेट्रो में कई और खासियत है.
कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत दो छह कोच वाली ट्रेनों को परीक्षण के लिए तैयार किया गया है. साल्ट लेक में हावड़ा मैदान और सेक्टर वी को जोड़ने वाला ईस्ट वेस्ट मेट्रो काॅरिडोर सेक्टर वी स्टेशन और सियालदह के बीच कम दूरी के लिए चालू है. दो छह कोच वाली इन मेट्रो ट्रेन एस्प्लेनेड और हावड़ा मैदान के बीच 4.8 किलोमीटर की दूरी पर ट्रायल रन करेगी.
कोलकाता में शुरु हुई थी देश की पहली मेट्रो
देश की पहली मेट्रो रेलवे कोलकाता में ही 1984 में शुरू की गई थी. इसके बाद दिल्ली में 2002 में शुरू की गई थी और अब कई शहरों में इसकी शुरुआत हो चुकी है. वहीं कोलकाता की उपलब्धि में एक और अंडरवाटर मेट्रो जुड़ने जा रही है.
मेट्रो चलाने के लिए बैटरी का भी उपयोग
टीओआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कल साल्ट लेक और हावड़ा के बीच होने वाला ट्रेल रन सियालदह और एस्प्लेनेड सुरंग से सफलतापूर्वक गुजरेगा. वहीं सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच ट्रैक बिछाने का काम अधूरा है. हालांकि अस्थायी ट्रैक को बिछाकर ट्रायल के लिए तैयार किया गया है. सियालदह स्टेशन तक ट्रेनें सामान्य रूप से चलेंगी लेकिन सियालदह से एस्प्लेनेड तक, उन्हें बैटरी चालित लोको द्वारा सुरंग के रूप में धकेला जाएगा. फिर एस्प्लेनेड से हावड़ा तक वे सामान्य रूप से काम करेंगे.
दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा काम
केएमआरसी ने कहा था कि भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो सेवा, ईस्ट-वेस्ट मेट्रो काॅरिडोर परियोजना दिसंबर 2023 तक पूरी होने की उम्मीद है. अभी कार्य प्रगति पर है और अंडरवाटर मेट्रो परियोजना के कई काम के पूरा होने में देरी है.
लंदन और पेरिस जैसे होगी ये मेट्रो
भारत में अपनी तरह की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन की तुलना यूरोस्टार से की गई है, जो लंदन और पेरिस को जोड़ती है. ये हुंगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे होकर ये मेट्रो ट्रेन गुजरेगी. इसके शुरू होने से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी.
कितना पड़ेगा खर्च
हावड़ा स्टेशन सबसे ज्यादा 33 मीटरत तक गहरा होगा, अभी हौज खास 29 मीटर तक सबसे ज्यादा गहरा स्टेशन है. सुरंग को बनाने में प्रति किलोमीटर 120 करोड़ रुपये तक का खर्च बताया जा रहा है.
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