Indian Railway News: भारतीय रेलवे से प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. विविधताओं से भरे भारत देश में रोजाना कई यात्रियों को कई शिकायतें भी रहती हैं. जबकि बहुत से यात्री ऐसे भी हैं, जिन्हें सफर के दौरान आपातकालीन स्थिति में मदद की दरकार भी होती है. इन दोनों ही पहलुओं के लिए रेलवे ने सिंगल सिस्टम अपना रखा है. यात्री रेलवे को विभिन्न माध्यमों से शिकायतें दर्ज करा सकते हैं अथवा मदद भी मांग सकते हैं. इसके लिए वेबसाइट, मोबाइल एप, टोल फ्री नंबर, ई-मेल आदि माध्यम शामिल है. जबकि फेसबुक और ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी पोस्ट डालकर रेलवे से मदद मांग सकते हैं. रेलवे प्रतिदिन 5000 से अधिक शिकायतों का निस्तारण कर रहा है.


यह हैं शिकायत के विभिन्न माध्यम


वेबसाइट - www.railmadad.gov.in


ईमेलrailmadad@gov.in


सोशल मीडिया – Facebook, twitter - @Railmadad


हेल्पलाइन – 139


मोबाइल एप- RAILMADAD


By Post -पत्र के जरिए


कैसे की जाती है शिकायत


वेबसाइट पर लॉग इन करके आप पीएनआर नंबर के सहारे अपनी शिकायत कर सकते हैं. ऊपर दिये गए ई-मेल पर अपनी ई-मेल आईडी से भी कोई शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. फेसबुक और ट्वीटर पर @Railmadad के जरिए अपनी शिकायत या रेलवे से मदद मांगिये. रेलवे तुरंत इसके समाधान में लग जाएगा. रेलवे के 139 हेल्पलाइन नंबर इंटीग्रेटेड प्रणाली पर उपलब्ध है. जबकि अगर आप डाक के माध्यम से शिकायत भेजना चाहते हैं तो सालों पुराना यह फार्मूला आज भी कारगर है. जबकि रेल मदद (RAILMADAD) मोबाइल एप आईओएस और एंड्राएड वर्जन में उपलब्ध है. जिसमें लॉगइन करके रेलवे के सूचना तंत्र से जुड़ सकते हैं.


इस तरह होता है शिकायत का निस्तारण


यात्री अपने पीएनआर नंबर और अपनी जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यह शिकायत दो कैटेगरी में ली जाती है. ट्रेन के दौरान कोई समस्या है या स्टेशन पर किसी तरह की परेशानी हुई है तो दोनों स्थानों की कैटेगरी में अलग-अलग शिकायत दर्ज होंगी. जैसे ही रेलवे शिकायत को रजिस्टर कर लेता है. उसी दौरान यह शिकायत संबंधित डिवीजन कंट्रोल सेल के पास भेज दी जाती है. वह ऑन बोर्डिंग स्टाफ से बातचीत करता है. उनके रिपोर्ट के आधार पर शिकायत का समाधान करता है. यह शिकायत भले ही चलती ट्रेन में इलेक्ट्रिसिटी बाधित होने या टॉयलेट में पानी न होने की भी हो सकती है. शिकायत दर्ज करने पर रेलवे एक शिकायत रजिस्ट्रेशन नंबर देता है. जिसके जरिए अपनी शिकायत  का स्टेटस चेक कर सकते हैं.


शिकायत के समाधान पर मांगी जाती है रेटिंग


एक बार जब शिकायत का समाधान हो जाता है तो उसके बाद एसएमएस के जरिए रेलवे शिकायत निस्तारण की गुणवत्ता पर रेटिंग देने के लिए कहता है. संतुष्ट होने अथवा न होने की दशा में आप उसी अनुसार रेटिंग दे सकते हैं. हर रोज लगभग पांच हजार से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा रहा है. रेलवि के शिकायत निस्तारण कौ औसतम समय एक घंटा 19 मिनट के आसपास चल रहा है. अबसे शिकायत या मदद के लिए बेफिक्र रहें और अपनी रेलवे की यात्रा को यादगार और आरामदायक बनाएं.


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