Indian Railway: अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक भीषण रेल हादसा हो गया. इस दुर्घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि काफी घायल हो गए. दरअसल, रेलवे ट्रैक पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को पीछे से तेज गति में आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी. क्या आपको पता है कि इस तरह के हादसों मेंं हुई मौत या गंभीर चोट लगने को तो नहीं रोका जा सकता है, लेकिन इंश्योरेंस क्लेम के माध्यम से जख्मों पर थोड़ा मरहम जरूर लगाया जा सकता है. इसके लिए रेलवे 45 पैसे में 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस देता है. आइए जानते हैं कि हादसा होने पर इसे कैसे क्लेम किया जा सकता है?


सिर्फ 45 पैसे में मिलता है बीमा


ऐसे में सवाल उठता है कि रेलवे से यात्रा करने के दौरान अपनी सुरक्षा को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए यात्री क्या करें? हम आज आपके इस सवाल का विस्तार से जवाब देंगे, लेकिन उससे पहले आपसे एक और सवाल पूछ लेते हैं. आज के जमाने में 50 पैसे में कुछ मिलता है क्या? कई जगहों पर तो दुकान वाले और टेम्पो-रिक्शा वाले 1 रुपये का सिक्का लेने से भी इनकार कर देते हैं. मतलब जब 1 रुपये की वैल्यू इतनी कम बची है, तो 50 पैसे की क्या ही बिसात! और जब 50 पैसे की कोई वैल्यू नहीं बची है, वैसे में आपको महज 45 पैसे में रेलवे के सफर के लिए पर्याप्त सुरक्षा मिल सकती है.


इतना होता है क्लेम


आईआरसीटीसी की ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत स्थिति के हिसाब से कवरेज का लाभ मिलता है. यहां जानिए कि किस स्थिति में इंश्योरेंस के तहत कितने कवरेज का लाभ मिलता है. दुर्घटना में मौत होने 10 लाख तक का कवरेज रेलवे आपको इस बीमा के तहत करवाता है. इसके अलावा अगर दुर्घटना में कोई भी शख्स पूर्ण रूप से विकलांग हो जाता है तो उसे भी 10 लाख रुपये तक का क्लेम आप रेलवे से कर सकते हैं. अगर आपकी यह दिव्यांगता अस्थाई और आंशिक है तो रेलवे आपको 7.50 लाख तक का कवरेज केवल 45 पैसे में देता है. चोट का अस्पताल में इलाज करवाना हो और शव के अवशेष को ले जाना है, रेलवे दोनों में क्रमश: 2 लाख और 10 हजार तक का बीमा कवरेज देता है.


पहले 35 पैसे में मिलता था कवरेज


आपको बताते चलें कि यह बीमा करवाने के लिए आपको आईआरसीटीसी की वेबसाइट या फिर एप से अपना टिकट बुक करना होगा. टिकट बुक करते समय जब आप अपनी जानकारी भर रहे होंगे तो उन्हीं में आपको ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन भी दिख जाएगा. जिसे आप सिर्फ एक क्लिक में अपना सकते हैं. इसके लिए रेलवे पहले 35 पैसे चार्ज करता था लेकिन अब 10 पैसे का इजाफा करके रेलवे ने इसे 45 पैसे कर दिया है.


कैसे क्लेम कर सकते हैं इंश्योरेंस?


अब सवाल उठता है कि कोई भी ट्रेन हादसा होने के बाद इस इंश्योरेंस को कैसे क्लेम किया जा सकता है? दरअसल, रिजर्वेशन कराने के थोड़ी देर बाद आपको आईआरसीटीसी की तरफ से इंश्योरेंस कंपनी से संबंधित एक लिंक मिलता है, जिसमें आप अपने नॉमिनी की डिटेल भर सकते हैं. कंचनजंगा एक्सप्रेस जैसा कोई हादसा होने पर आप उस लिंक के माध्यम से इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने रेलवे टिकट और कंपनी की ओर से तय आईडी कार्ड की कॉपी अपलोड करनी होती है.   


इन डॉक्यूमेंट्स की होती है जरूरत



  • रेल अथॉरिटी की तरफ से एक्सीडेंट की पुष्टि का प्रमाण.

  • एक्सीडेंट क्लेम फॉर्म पर नॉमिनी और कानूनी वारिस के हस्ताक्षर.

  • दिव्यांग यात्री को हादसे से पहले और बाद की फोटो देनी होती है.

  • अस्पताल में भर्ती होने से जुड़े दस्तावेज सबमिट कराने होते हैं.

  • डॉक्टर की फाइनल रिपोर्ट.

  • सभी बिलों पर नंबर साइन के अलावा स्टाम्प अटैच होना चाहिए.

  • रेलवे एक्सीडेंट में मृत यात्री की डिटेल्स वाली ऑफिशियल रिपोर्ट.

  • NEFT डिटेल और कैंसिल चेक भी आवेदन कार्यालय में जमा करवाना होगा.

  • बताते चलें कि आप रेलवे से बीमा क्लेम चार महीने के भीतर ही कर सकते हैं.


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