Train Travel Insurance Tips: भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. भारतीय रेलवे रोजाना तकरीबन ढाई करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचती है. भारत में रोजाना तकरीबन 13000 से ज्यादा ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं. जिनमें से 8 हजार से ज्यादा ट्रेनें यात्री ट्रेनें होती हैं. रेलवे में सफर के लिए आरक्षित और अनारक्षित दोनों ही तरह के कोच होते हैं. लेकिन ज्यादातर यात्री आरक्षित कोचों में सफर करते हैं. रेलवे में रिजर्वेशन एक ऑनलाइन दूसरा ऑफलाइन.


ऑफलाइन रेलवे काउंटर से टिकट बुक की जाती है. तो वहीं ऑनलाइन आईआरसीटीसी की ऐप और वेबसाइट के जरिए. ऑनलाइन बुकिंग करने वालों को ऑफलाइन बुकिंग करने वालों के मुकाबले फायदा मिलता है. ऑनलाइन बुकिंग करने पर भारतीय रेलवे द्वारा ट्रैवल इंश्योरेंस की भी सुविधा मिलती है. इंश्योरेंस लेने के बाद आपको एक काम करना जरूरी होता है. नहीं तो फिर क्लेम के लिए घर वालों को दिक्कत हो सकती है. 


जरूरी होती है नॉमिनी डिटेल


जैसे ही आप ट्रेन के सफर के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं. और उस बुकिंग के वक्त वहां पर रेलवे द्वारा 0.45 पैसे में दिए जाने वाले  ट्रैवल इंश्योरेंस के ऑप्शन पर टिक कर देते हैं. वैसे ही आप  ट्रेन में सफर के दौरान हादसा होने पर क्लेम के हकदार हो जाते हैं. बुकिंग के बाद आपके पास एक मेल आता है. जिसमें आपसे नॉमिनी डीटेल्स भरने के लिए भी कहा जाता है. 


यह काम करना जरूरी होता है. क्योंकि हादसे में अगर किसी पैसेंजर की मृत्यु हो जाती है और गंभीर रूप से घायल हो जाता है तो नॉमिनी क्लेम की रकम हासिल कर सकता है. लेकिन उसके लिए जानकारी दर्ज होना बहुत जरूरी है.  सामान्य तौर पर लोग नॉमिनी डिटेल्स दर्ज नहीं करते हैं. लेकिन अगर कभी हादसा होता है तो फिर ऐसे मुश्किल हो सकती है. परिवार के लोगों को क्लेम के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है. 


कैसे मिलता है क्लेम?


ट्रेन हादसे सामान्य तौर  पर बहुत कम होते है. लेकिन एहितयात फिर भी जरूरी होती है. हाल ही में पश्चिम बंगाल में रेल हादसा हुआ है. उसमें जिन लोगों के पास ट्रैवल इंश्योरेंस था. उन सबकों इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा क्लेम दिया जाएगा. ट्रेन में दिए जाने वाले ट्रैवल इंश्योरेंस का लाभ आपको हादसा होने की स्थिति में ही मिलता है.


इसमें अधिकतम 10 लाख तक का इंश्योरेंस दिया जाता है. हादसे के बाद इंश्योरेंस कंपनियां यात्री की मौत के बाद परिवार 10 लाख रुपए का क्लेम देती हैं. वहीं आशिक विकलांग होने पर 7.5 लाख. तो वहीं घायल होने पर 2 लाख और मामूली चोट पर 10000 रुपये दिए जाते हैं.


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