Luggage Stolen in Train: रेलवे से हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं. ऐसे में आपने भी सफर के दौरान लगेज या सामान की चोरी (Luggage Gets Stolen) वाली घटनाएं सुनी या देखी तो होगी ही, लेकिन क्या आपको पता है कि अगर किसी यात्री (Passengers) का लगेज या सामान चोरी हो जाता है तो उसे क्या करना चाहिए या फिर किसी यात्री को अपने खोए हुए सामान को वापस पाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए? आइए जानते हैं. 


अगर किसी यात्री का सामान चोरी हो जाती है, तो उसे सबसे पहले तुरंत शिकायत दर्ज (Complaint) कराना चाहिए, अगर शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होती है तो रेलवे (Indian Railway) की ओर से मुआवजा दिया जाता है. हालांकि इसके लिए आपको कुछ काम करने होते है. अगर आपकी ओर से यह काम नहीं किया जाता है, तो सामान के साथ-साथ रेलवे की ओर से मुआवजे की रकम भी नहीं मिल पाएगी. 


सामान की चोरी पर क्या है नियम 


अगर किसी यात्री की रास्ते में सामान की चोरी हो जाती है तो रेलवे की वेबसाइट के अनुसार, ट्रेन कंडक्टर कोच अटेंडेंट, गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट से संपर्क किया जा सकता है. इन लोगों की ओर से प्राथमिकी फॉर्म दी जाएगी. इसे भरकर आप आवश्यक कार्रवाई के लिए थाने भेज दिया जाएगा. अगर आप अपने यात्रा को पूरा करना चाहते हैं तो यह शिकायत पत्र आप किसी भी सहायता के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आरपीएफ सहायता चौकियों पर भी दे सकते हैं. 


सामान गुम होने या नुकसान होने पर नियम 


अगर आपने अपना सामान रेलवे के लगेज के लिए बुक कराया है और फीस भरी है, तो सामान के खो जाने या नुकसान होने पर रेलवे जिम्मेदार होगा और इसकी पूरी कीमत रेलवे की ओर से मुआवजे के तौर पर दी जाएगी. लेकिन अगर सामान की बुकिंग नहीं कराई गई है, तो रेलवे केवल 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ही भुगतान करेगा. 


रेलवे देगा मुआवजा 


लगेज की चोरी होने के बाद, यात्री को शिकायत दर्ज कराना होगा. शिकायत दर्ज होने के बाद रेलवे की ओर से जांच की जाएगी. अगर जांच के बाद भी सामान नहीं मिलता है, तो रेलवे उन सामान पर मुआवजा देगा. हालांकि यह मुआवजा लगेज या सामान की कीमत से कम हो सकती है.  


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