12वीं पास करते ही इस स्कॉलरशिप के जरिए जा सकते हैं विदेश, जरूर पढ़ लें अपने काम की ये खबर
ScholarShip After 12th: आज हम आपको 12 वीं के बाद सरकार की ओर से मिलने वाली स्कॉलरशिप के बारे में गहराई से बताएंगे जिनके सहारे आप सरकार के खर्च पर विदेश पढ़ने जा सकते हैं.

क्रॉस डिसिप्लिनरी स्टडीज के अलावा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट और कॉलेज स्टूडेंट्स को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देते हैं. होनहार छात्रों को अमेरिका, यूरोपीय और कई विकसित देशों से पढ़ाई का न्योता भी आता है, लेकिन पैसों की कमी की वजह से वो इसका फायदा नहीं उठा पाते. कुछ पैसों को लेकर इन फायदों से वंचित रह जाते हैं तो कुछ ज्ञान की कमी की वजह से मात खा जाते हैं. आज हम आपको 12 वीं के बाद सरकार की ओर से मिलने वाली स्कॉलरशिप के बारे में गहराई से बताएंगे जिनके सहारे आप सरकार के खर्च पर विदेश पढ़ने जा सकते हैं.
12 वीं के बाद कौन सी स्कॉलरशिप लें
स्कॉलरशिप के बारे में जानने के लिए और 12 वीं के बाद ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी हाई स्टडीज के लिए आपको सरकार की ओर से कई तरह की छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाई जाती है. 12 वीं के बाद विदेश में पढ़ाई करने के लिए प्रमुख तौर पर तीन तरह की स्कॉलरशिप हैं जो भारतीय छात्रों को फाइनेंशियली सपोर्ट करती हैं और उनके बोझ को कम करने में मदद करती है. ऐसे इंडियन स्टूडेंट्स के लिए कई सारी सरकारी छात्रवृत्तियां मौजूद हैं जो 12वीं पूरी करने के बाद उन्हें अमेरिका, यूके और कनाडा में पढ़ाई करने में मदद करती है.
1- फुल ब्राइट नेहरू फेलोशिप
यह स्कॉलरशिप योजना अमेरिका में मास्टर या फिर डॉक्टरेट की डिग्री के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों को दी जाती है. यह स्कॉलरशिप हाल ही में ग्रेजुएट हुए और पहली बार अमेरिका आने वाले स्टूडेंट्स को एक साल तक अमेरिका में रहने की अनुमति देती है. इस योजना के तहत फेलोशिप में ट्यूशन फीस, रहने का खर्च, हेल्थ इंश्योरेंस और आने जाने का किराया शामिल है.
क्या होनी चाहिए एलिजिबिलिटी
स्टूडेंट भारत का स्थाई नागरिक होना चाहिए इसके साथ ही स्टूडेंट के पास भारत की किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. इसके अलावा कुछ यूनिवर्सिटी में मास्टर प्रोग्राम में एडमिशन के लिए वर्क एक्सपीरियंस भी होना बहुत जरूरी है जो कम से कम 1 साल का हो. इसके अलावा कम से कम 6.0 बैंड के साथ IELTS जैसे एग्जाम का प्रमाण पत्र होना चाहिए.
ऐसे करें आवेदन
छात्र को आवेदन अवधि के दौरान यूएसआईईएफ वेबसाइट के जरिए से ऑनलाइन अप्लाई करना होगा.
छात्र के पास जाने का वेलिड रीजन, letter of recommendation, पिछली परीक्षाओं के अंक और अध्ययन/रिसर्च उद्देश्य जैसे दस्तावेज होने चाहिए.
छात्र के पास अमेरिका के किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ऑफर लेटर होना चाहिए.
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2- एसएन बोस स्कॉलरशिप
एस. एन. बोस स्कॉलरशिप कार्यक्रम के अंतर्गत, भारतीय छात्र कुछ अमेरिकी यूनिवर्सिटी में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के रिसर्च के लिए पढ़ाई कर सकते हैं. इस छात्रवृत्ति के तहत स्टूडेंट्स को वजीफा, हवाई टिकट और हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है. इस स्कॉलरशिप के लिए छात्र भारत का नागरिक हो और छात्र का शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए इसके अलावा कुल मिलाकर कम से कम उसके 60 प्रतिशत नंबर होने ही चाहिए.
ऐसे करें आवेदन -
छात्र को छात्रवृत्ति के आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा.
छात्र के पास जाने का वेलिड रीजन, letter of recommendation, पिछली परीक्षाओं के अंक और अध्ययन/रिसर्च उद्देश्य जैसे दस्तावेज होने चाहिए.
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3- कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप
कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप या फिर राष्ट्रमंडल स्कॉलरशिप भारत के साथ राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों को यूनाइटेड किंगडम में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री के लिए पढ़ाई करने की स्कॉलरशिप प्रदान करती है. इसके अंतर्गत छात्र को ट्यूशन फीस, रहने का खर्च और ब्रिटेन से आने जाने का यात्रा भत्ता शामिल है. इसके अलावा मास्टर के 1 साल वाले प्रोग्राम और पीएचडी के 3 साल वाले प्रोग्राम के लिए इस स्कॉलरशिप में पैसा दिया जाता है.
ये है योग्यता
छात्र भारत का स्थाई नागरिक हो. मास्टर प्रोग्राम में एडमिशन के लिए छात्र के पास स्नातक की डिग्री होनी चाहिए और पीएचडी के नामांकन के लिए छात्र के पास मास्टर डिग्री का होना बेहद जरूरी है. इसके तहत कुछ यूनिवर्सिटी में मास्टर और पीएचडी प्रोग्राम के लिए कम से कम एक साल के वर्क एक्सपीरियंस की जरूरत होती है. इसके अलावा IELTS में 6.0 का बैंड भी जरूरी है.
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