Deflated Gas Cylinder: एक समय था जब लगभग भारत के सभी घरों में खाना मिट्टी के चूल्हों पर बनाया जाता था. लेकिन अब लगभग सभी घरों में खाना गैस चूल्हों पर बनाया जाता है. गैस चूल्हों पर खाना गैस सिलेंडर की मदद से बनाया जाता है. यूं तो भारत में चूल्हों के लिए दो तरह की गैस इस्तेमाल की जाती हैं. एक एलपीजी गैस तो दूसरी पीएनजी गैस. लेकिन अधिकतर घरों में एलपीजी गैस का इस्तेमाल किया जाता है.
एलपीजी गैस सिलेंडर में भर कर आती है. जो अलग-अलग इस्तेमाल के हिसाब से अलग-अलग वजन में आते हैं. लेकिन अक्सर एलपीजी गैस सिलेंडर अपने सही शेप में नहीं होते कई बार वह पिचके हुए भी आते हैं. ऐसे में लोगों को यह लगता है कि पिचके हुए गैस सिलेंडर फटने का खतरा रहता है कितना सच है इस बात में चलिए जानते हैं.
पिचके हुए गैस सिलेंडर फट जाते हैं?
गैस सिलेंडर को लेकर अक्सर लोगों के मन में तरह-तरह की धारणाएं होती हैं. कई लोगों को या मानना होता है कि पिचके हुए सिलेंडर का फटने का ज्यादा खतरा रहता है. अगर आपको भी ऐसा लगता है तो बता दें इस बात में सच्चाई नहीं है. सिलेंडर इसलिए पर पिचक जाते हैं.
क्योंकि उन्हें कई बार उठाया और गिराया जाता है. क्योंकि उनकी बॉडी लोहे की होती है. और वह जब ठोस जमीन पर पटके जाते हैं. तो वहा पिचक जाते हैं. इसीलिए सिलेंडर का पिचकना एक आम बात है. इससे सिलेंडर के फटने का कोई लेना देना नहीं है.
कब रहता है सिलेंडर फटने का खतरा?
सिलेंडर का इस्तेमाल करते वक्त एहितयात बरतना जरूरी होता है. क्योंकि उसके अंदर ऐसी गैसें होती हैं. जिससे ब्लास्ट हो सकता है. अगर आपके घर में इस्तेमाल हो रहे सिलेंडर से गैस लीक हो रही है. तो सिलेंडर फटने का खतरा रहता है या फिर आपके गैस चूल्हे में कहीं लीकेज है.
तब भी सिलेंडर फटने खतरा रहता है. अगर आप कोई ज्वलनशील पदार्थ गैस का इस्तेमाल करते वक्त आसपास रखते हैं. तब भी हादसा होने का खतरा बना रहता है. इसलिए आपको गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते वक्त काफी ध्यान देना होता है.
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