Kashmir Special Visiting Certificate: पाकिस्तान की सीमा से सटे जम्मू कश्मीर में पिछले काफी अरसे से आतंकवादी घुसपैठ काफी देखने को मिली है. आतंकवादियों और भारतीय सैन्य बलों को बीच काफी गोली बारी भी देखने को मिली है. इसमें सेना ने जहां आतंकी ढेर किए हैं. तो वहीं कुछ भारतीय जवानों भी शहीद हुए हैं.
इसीलिए जम्मू कश्मीर में बढ़ती हुई आतंकवादी घटनाओं को देखते हुए कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य के प्रदेश के जो सीमावर्ती क्षेत्र है. वहां पर शांति परियोजनाओं का इंप्लीमेंटेशन शुरू हो गया है.
ताकि घुसपैठ को कम से कम किया जा सके. इस फैसले के बाद अब सीमावर्ती इलाकों में अगर कोई पर्यटक घूमने जाना चाहता है. तो उसे एक खास तरह का सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. कैसे और कहां बनेगा यह सर्टिफिकेट चलिए आपको बताते हैं.
इन जगहों के लिए सर्टिफिकेट की जरूरत
जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा जिले की कुछ जगहों पर जाने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें घुसपैठ की ज्यादातर घटनाएं इन्हीं क्षेत्रों से होती है. कोई पर्यटक अगर कुपावाड़ा के केरन और करनाह जाना चाहता है. तो उनके पास पुलिस स्टेशन से जारी किया गया पुलिस सत्यापन सर्टिफिकेट होना जरूरी है. इसके साथ ही प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फार्कियां या साधना टॉप की ओर जाने के लिए इस पुलिस प्रमाण पत्र को क्रालपोरा पुलिस स्टेशन में जमा करना होगा.
पुलिस वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद ही अब पर्यटक कुपवाड़ा जिले के साथ-साथ अन्य सीमावर्ती इलाकों में घूम सकेंगे. पहले इसके लिए आधार कार्ड दिखाकर ही पर्यटक आ जा सकते थे. आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ की घटनाओं के बाद अब पुलिस वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट (PVC) अनिवार्य कर दिया गया है.
इस तरह बनवा सकेंगे सर्टिफिकेट
अगर कोई पर्यटक कुपवाड़ा के सीमावर्ती इलाकों में घूमने जाना चाहता है. तो उसे अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जहां वह ठहरा हुआ है. वहां से पुलिस वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट हासिल कर रहा होगा. उसके लिए पुलिस द्वारा कुछ दस्तावेज मांगे जाएंगे जो दिखाने होंगे. तो वहीं कुछ जरूरी जानकारी भी पुलिस को देनी होगी. इसके बाद पुलिस डिटेल्स वेरीफाई करने के बाद ही पर्यटकों को पीवीसी यानी पुलिस वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट जारी करेगी.
इसके बाद पर्यटक सीमावर्ती इलाकों में घूमने जा सकेंगे. सीमावर्ती इलाकों के क्षेत्रीय पुलिस स्टेशनों में यह सर्टिफिकेट जमा करना होगा. बता दें पिछले 3 महीनों में आतंकवादियों और सैन्य बलों के बीच पांच मुठभेड़ हो चुकी हैं. और सीमा पार अभी भी आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश में है. इसी को देखते हुए यह फैसला किया गया है.
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