कुछ दिन पहले सिम कार्ड खरीदना आसान था. कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से सिम खरीद लेता था लेकिन अब सिम कार्ड खरीदना इतना आसान नहीं होगा. वहीं, सिम कार्ड से धोखाधड़ी का मतलब है कि तुरंत जेल जाने की तैयारी करनी होगी. सरकार ने सिम कार्ड खरीदने को लेकर बड़ा बदलाव किया है. जिस तरह से फर्जी सिम कार्ड के कारण धोखाधड़ी, अपराध और ऐसे कई अपराध हो रहे हैं. ऐसे लगातार मामलों को देखते हुए सरकार ने सिम कार्ड को लेकर काफी सख्त कानून बनाए हैं. ये कानून 1 दिसंबर से देशभर में लागू हो गए हैं.


10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है


इसमें सबसे पहली बात जो आती है वह है सिम डीलर वेरिफिकेशन यानी जब कोई सिम कार्ड बेच रहा है, यूं समझे कि कोई व्यक्ति सिम कार्ड बेचने का कारोबार कर रहा है, तो उसे वेरिफिकेशन से गुजरना होगा. सिम बेचते समय उन्हें रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. साथ ही, टेलीकॉम ऑपरेटर पुलिस वेरिफिकेशन के लिए जिम्मेदार हैं. इसका पालन न करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है.


एक आईडी पर ले सकते हैं 9 सिम कार्ड


इसके बाद जनसांख्यिकीय (डेमाग्राफिक डेटा) कलेक्शन यानी जो ग्राहक अपने मौजूदा नंबरो के लिए सि कार्ड खऱीदते हैं उन्हें अपना आधार औऱ डेमोग्राफिक डेटा जमा कराना होगा.सिम कार्ड डी-एक्टिवेशन नियम यानी सिम कार्ड को पहले की तरह थोक में जारी नहीं किया जाएगा और सिम कार्ड को डीएक्टिवेट करने के बाद वह नंबर 90 दिनों की अवधि के बाद ही किसी अन्य व्यक्ति को उपलब्ध होगा. साथ ही नए नियमों के मुताबिक सिम कार्ड की संख्या पर भी एक सीमा तय कर दी गई है. व्यक्ति केवल व्यावसायिक कनेक्शन के माध्यम से ही थोक में सिम कार्ड प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा फिलहाल आप एक आईडी कार्ड पर 9 सिम कार्ड खरीद सकते हैं.


ये भी पढ़ें- क्या है एलआईसी का जीवन साथी स्कीम? जिसमें तेलंगाना के CM की पत्नी ने किया है निवेश