(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Landlord Rights: सिर्फ किरायेदार ही नहीं मकान मालिक के भी होते हैं ये अधिकार
Landlord Rights: मकान मालिक किरायेदार को ठोस वजह से अपने घर से बेदखल कर सकता है. अगर किरायेदार किराया नहीं चुका रहा है तो उससे घर खाली करवाया जा सकता है.
Landlord Rights: किराये पर मकान लेते हुए आप कई चीजों का खयाल रखते हैं. इसमें देखा जाता है कि घर में क्या-क्या सुविधाएं आपको मिल रही हैं और मकान मालिक कैसा है. कई बार मकान मालिक और किरायेदार के बीच विवाद भी देखे जाते हैं, ये विवाद इतने बढ़ जाते हैं कि कोर्ट तक चले जाते हैं और फिर आखिर में फैसला होता है. किरायेदार के अधिकारों को लेकर तो काफी बात होती है, लेकिन आज हम आपको मकान मालिक के कुछ अधिकार बताने जा रहे हैं.
बनाया जाता है रेंट एग्रीमेंट
भारत में किराया नियंत्रण अधिनियम के तहत किरायेदार और मकान मालिक दोनों के ही अधिकार तय किए गए हैं. जिनमें बताया गया है कि एक किरायेदार के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और मकान मालिक के क्या अधिकार हैं. इसके तहत एक रेंट एग्रीमेंट बनाया जाता है, जिसमें सभी तरह की चीजें लिखी होती हैं. इस एग्रीमेंट पर किरायेदार और मकान मालिक दोनों के ही साइन होते हैं. यानी कोई भी इसमें लिखी चीजों का उल्लंघन नहीं कर सकता है.
मकान मालिक के अधिकार
अब मकान मालिक के अधिकारों की बात करें तो मकान मालिक किरायेदार को ठोस वजह से अपने घर से बेदखल कर सकता है. अगर किरायेदार किराया नहीं चुका रहा है या फिर घर में किसी भी तरह का कोई गैरकानूनी काम चल रहा है तो मकान मालिक का अधिकार है कि वो अपना घर खाली करने को कहे. मकान मालिक को अधिकार है कि वो किरायेदार से सिक्योरिटी मनी ले सकता है, ये वो राशि होती है जिसमें मकान या फ्लैट को पहुंचाई गए नुकसान की भरपाई हो सकती है. हर बार 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट पूरा होने के बाद मकान मालिक किराया बढ़ाने की मांग कर सकता है. किसी भी नियम के उल्लंघन पर मकान मालिक कानूनी कार्रवाई कर सकता है और कोर्ट में मुआवजे की भी मांग की जा सकती है.