Lek Ladki Scheme: महाराष्ट्र सरकार ने एक नई स्कीम की शुरुआत की है, जिसके तहत कम आय वाले परिवारों की लड़कियों को जन्म के बाद के चरणों में भुगतान मिलेगा, योग्य प्राप्तकर्ताओं के लिए कुल राशि 1 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी, जब वे 18 वर्ष की आयु तक पहुंच जाएंगी. पीले और नारंगी राशन कार्ड वाले घरों की लड़कियों को जन्म होने पर 5,000 रुपये, कक्षा 1 में प्रवेश करने पर 6,000 रुपये, कक्षा 6 में 7,000 रुपये, कक्षा 11 में 8,000 रुपये और 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर 75,000 रुपये मिलेंगे. यानी कुल मिलाकर देखें तो लगभग 1 लाख रुपये होते हैं. बता दें महिलाओं के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग राज्य की सरकारें नई योजनाएं चला रही है. हाल ही में मध्यप्रदेश में लाडली बहना योजना चालू किया गया है.
इस वजह से सरकार ने लागू किया स्कीम
'लेक लड़की' को हिंदी में प्रिय बेटी कहा जाता है. इस योजना के तहत 1 अप्रैल 2023 के बाद जन्म लेने वाली लड़कियों के लिए उपलब्ध होगी, और इसकी घोषणा इस साल की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने की थी, जिनके पास उस समय वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी थी. योजना का लक्ष्य महिलाओं का अनुपात बढ़ाना, उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करना और कुपोषण और बाल विवाह को खत्म करना है.
इस बात की होगी गारंटी
सत्तारूढ़ शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कैबिनेट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि योजना यह गारंटी देगी कि लड़कियों को जन्म से ही वित्तीय सहायता मिलेगी और कन्या भ्रूण हत्या को कम करने में मदद मिलेगी. एक अन्य कदम में, कैबिनेट ने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम औरंगाबाद से बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया. इस संशोधन के परिणामस्वरूप संस्थान का नाम अब डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, छत्रपति संभाजीनगर होगा.
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