ट्रेन हादसे के बाद कैसे मिलता है मुआवजा, रेलवे से कैसे क्लेम कर सकते हैं पैसेंजर्स?
यह हादसा जलगांव और परांडा स्टेशन के बीच हुआ, जिसमें कई लोगों की मौत की खबर आ रही है. वहीं, काफी लोग घायल हुए हैं.

महाराष्ट्र के जलगांव में हुए ट्रेन हादसे ने हर किसी को हिला दिया है. पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह के बाद पैसेंजर्स चेन पुलिंग करके ट्रेन से उतर गए और दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस से कट गए. यह हादसा जलगांव और परांडा स्टेशन के बीच हुआ, जिसमें 11 लोगों की मौत की खबर आ रही है. वहीं, करीब 40 लोग घायल हुए हैं. आइए आपको बताते हैं कि रेल हादसे के शिकार हुए मुसाफिर या उनके परिजन किस तरह रेलवे से मुआवजे की मांग कर सकते हैं.
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, पुष्पक एक्सप्रेस बुधवार (22 जनवरी) को मुंबई जा रही थी. अचानक ट्रेन के नीचे से धुआं निकलने लगा, जिससे ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई. इससे पैसेंजर्स घबरा गए और चेन पुलिंग कर दी. इसके बाद पैसेंजर्स ट्रेन से उतर गए और दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. एसपी जलगांव के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, काफी लोगों के घायल होने की जानकारी है.
किन लोगों को मिलता है इंश्योरेंस?
जानकारी के मुताबिक, ट्रेन में सफर करने वालों को रिजर्वेशन टिकट बुक करते वक्त इंश्योरेंस कराना जरूरी होता है. अगर ट्रेन में किसी तरह का हादसा होता है तो इस इंश्योरेंस की मदद से मुआवजा मिलने में आसानी होती है. इस तरह के मामलों में हादसा होने पर पैसेंजर्स या उनके परिजनों को इंश्योरेंस प्रोवाइडर की हेल्पलाइन पर संपर्क करना होता है. उन्हें यात्रा की डिटेल, पॉलिसी नंबर और घटना से जुड़ी पूरी जानकारी देनी पड़ती है, जिसके बाद मुआवजा मिलता है.
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क्या इलाज भी कराता है रेलवे?
ट्रेन हादसे में अगर कोई शख्स घायल होता है और वह 30 दिन से ज्यादा वक्त तक अस्पताल में भर्ती होता है तो पूरा खर्च सरकार उठाती है. हालांकि, इलाज में खर्च होने वाली रकम अस्पताल में भर्ती होने के 10 दिन का वक्त पूरा होने पर या मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद मिलती है.
रेलवे से कितना मिलता है मुआवजा?
ट्रेन हादसे में घायल होने पर रेलवे दो लाख रुपये तक मुआवजा देता है. अगर कोई व्यक्ति हादसे में विकलांग हो गया है तो उसे साढ़े सात लाख रुपये तक की मदद मिलती है. वहीं, ट्रेन एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले यात्री के परिजनों को 10 लाख रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान है. क्लेम अप्लाई करने के लिए आईआरसीटीसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा. यहां ट्रेन में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स की डिटेल्स देनी होती है, जिसमें ट्रेन टिकट और आईडी कार्ड आदि शामिल होते हैं. आवेदन के बाद 15 दिन में रेलवे को जांच पूरी करनी होती है. जब सभी डॉक्युमेंट्स की जांच हो जाती है तो क्लेम आवेदन करने वाले व्यक्ति के बैंक खाते में भेज दिया जाता है.
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