Mass Marriage Scheme: केंद्र और राज्य सरकारें लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं. कुछ योजनाएं महिलाओं के लिए होती हैं तो कुछ किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए... कुछ राज्यों में शादी के लिए भी सरकार योजना चलाती है, जिसमें कई जोड़ों की शादियां एक साथ कराई जाती हैं, इसे सामूहिक विवाह कहा जाता है. उत्तर प्रदेश में भी सरकार की तरफ से एक ऐसी ही योजना चलाई जाती है, जिसमें सरकार शादी का पूरा खर्च उठाती है और एक साथ कई जोड़ों की शादी करवाई जाती है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत अलग-अलग समुदाय और धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम होता है. सरकार की वेबसाइट के मुताबिक योजना का उद्देश्य है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन और खर्चे के रिवाज को खत्म किया जाए.
किसे मिलता है योजना का लाभ?
सरकारी वेबसाइट के मुताबिक दो लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के अन्तर्गत आने वाले सभी वर्गों के परिवारों को इस योजना का लाभ मिलता है. इस योजना के तहत विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है. आवेदन करने के बाद एक जगह पर कई जोड़ों को बुलाया जाता है और उनकी शादी कराई जाती है. शादी में होने वाली तमाम चीजें यहां मौजूद होती हैं.
क्या है योजना के फायदे?
इस योजना में शादी के लिए आवश्यक सामग्री कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन और इसी तरह की चीजें मुहैया कराई जाती हैं. इसके अलावा लड़की के खाते में 35 हजार रुपये भी डाले जाते हैं. महज 6 हजार रुपये में एक जोड़े की शादी कराई जाती है. इससे जरूरी सामग्री खरीदने का काम होता है. नगरीय निकाय (नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम), क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह आयोजन की व्यवस्था है.
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