Procedure For Getting Money Back: दुनिया में एक चीज ऐसी है जिसकी वजह से आपके दोस्त दुश्मन बन जाते हैं. रिश्तेदारों से आपके रिश्ते बिगड़ जाते हैं और यहां तक कि कत्ल भी हो जाते हैं. वह चीज है उधारी. अक्सर लोग जरूरत पड़ने पर अपने जान पहचान वाले लोगों से अपने दोस्तों से रिश्तेदारों से पैसे उधार ले लेते हैं. यह कहकर कि वह एक तय समय सीमा के अंदर उन पैसों को लौटा देंगे.


और  सामान्य तौर पर लोग भी दूसरे के पैसे लौटा देते हैं. लेकिन कई मौकों पर देखा गया है. लोग समय से उधार लिए हुए पैसे नहीं लौटाते. कई बार कहने पर भी बार-बार फोन करने पर भी लोग लोग पैसे नहीं लौटते हैं. कुछ एक मामलों में तो यह भी देखा गया है लोग साफ इनकार कर देते हैं. अगर आपके साथ ऐसा होता है तो आप इस तरीके को आजमा सकते हैं. इससे आपके पैसे वापस मिल सकते हैं. 


भेज सकते हैं लीगल नोटिस


लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए एक दूसरे को पैसे देते हैं और यह आम बात है. लेकिन कई बार यह होता है कि लोग उधार लिए गए पैसों को वापस नहीं देते. ऐसे में फिर देने वाले शख्स की मुसीबत बढ़ जाती है. अगर आपके साथ कोई ऐसा करता है तो आप उसके खिलाफ केस दायर कर सकते हैं.


पहले आप उस व्यक्ति को लीगल नोटिस भिजवा सकते हैं. जिसमें पैसे उधार देने के लेनदेन का जिक्र, उसकी समय अवधि और उसका अमाउंट यह सभी दर्ज होगा. अगर वह व्यक्ति आपको उस समय अवधि के अंदर पैसे वापस कर देता है तो आपको केस करने की जरूरत नहीं होगी. 


सिविल सूट दायर कर सकते हैं


लेकिन अगर वह लीगल नोटिस में दिए गए टाइम के मुताबिक पैसे नहीं लौटाता है. तो फिर आप उस पर सिविल सूट दायर कर सकते हैं. जिसमें सीपीसी यानी कोड आफ सिविल प्रोसीजर के ऑर्डर 37 के अंतर्गत उधार पैसे लेने वाले को 10 दिन के अंदर कोर्ट में पेश होना होगा. और इल्जाम के खिलाफ अपनी सफाई/दलील देनी होगी.


सिविल सूट में आपने किस मोड़ में आपने पैसे दिए चेक के जरिए, ऑनलाइन या कैश यह भी बताना होता है. कैश दिए गए पैसों का रिकॉर्ड रख पाना बेहद मुश्किल होता है.  हालांकि जब आपने पैसे उधार दिए उस समय कोई अन्य गवाह और मौजूद रहा हो तो आपका कैसे मजबूत हो जाएगा. आप केस जीत गए तो पैसे वापस मिल जाएंगे. 


कर सकते हैं क्रिमिनल सूट भी दायर


जैसे कि आपने आमतौर पर सुनी होगी आईपीसी की धारा 420 जो कि धोखाधड़ी के केस के लिए इस्तेमाल की जाती है. क्रिमिनल सूट में वकील की मदद से आप धारा 420 और धारा 406 के तहत केस फाइल कर सकते हैं. क्रिमिनल सूट में आरोपी को आरोप साबित होने पर ना सिर्फ पैसे वापस करने होते हैं. बल्कि उसे जेल भेजने का भी प्रावधान होता है. 


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