मूवी और फिल्म देखने का शौक तो सभी को होता है. अक्सर हम फिल्में देखने सिनेमाघर में जाते हैं. फिल्म के लिए टिकट खरीदने के दौरान हमें कभी-कभी उसकी कीमतों में कमी या बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इसका कारण टिकट पर लगने वाले टैक्स को बताया जाता है. कई बार ऐसा होता कि कुछ फिल्मों को राज्य की सरकार के द्वारा टैक्स फ्री कर दिया जाता है जिसकी वजह से टिकट की कीमतें कम हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कहां से मूवी टिकट खरीदने पर आपको ज्यादा पैसा भरना होता है और किस तरह से आप अपने टिकट को कम कीमत पर खरीद सकते हैं. टिकट ऑनलाइन लें या फिर ऑफलाइन, ये सवाल सभी के मन में रहता है, और एक शक भी रहता है कि कहां से मूवी टिकट खरीदने पर आपको टैक्स में राहत मिलेगी. आज हम आपको इन्हीं सब के बारे में बताने जा रहे हैं.
ऑनलाइन महंगा पड़ता है मूवी टिकट
क्या आप भी मूवी देखने के लिए ऑनलाइन टिकट की बुकिंग करते हैं? अगर करते हैं तो जान लें ये ज्यादा खर्चीला है. फिल्म के टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के जरिए आपको कन्वीनियंस फीस और इंटरनेट हैंडलिंग के चार्जेस के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं, फिर भले ही आप यह काम किसी थर्ड पार्टी एप के जरिए करें या फिर सिनेमा हॉल की वेबसाइट से करें. पेटीएम, फोन पे, बुकमायशो जैसे एप्स पर ऑनलाइन मूवी टिकट की बिक्री हर समय चालू रहती है. ऐसे में इनके पास टिकट के भी दो से तीन प्राइस रेंज होते हैं. इन्ही प्राइस रेंज के जरिए वे अपनी कन्वीनियंस फीस की वसूली करते हैं. ऐसे में आपको नॉर्मल टिकट की रकम से 70 से 80 रुपये ज्यादा देने पड़ सकते हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि आपको इन सब फिजूल चार्जेस से राहत मिले तो आपको भी मूवी टिकट ऑफलाइन ही खरीदने चाहिए.
आरटीआई भी हो चुकी है दाखिल
2019 में हैदराबाद में एक स्थित एक फोरम अगेंस्ट करप्शन ने आरटीआई दाखिल करके आरबीआई से पूछा था कि क्या Bookmyshow जैसी वेबसाइट्स को किसी भी तरह की इंटरनेट कन्वीनियंस फीस वसूलने का अधिकार है? इस पर आरबीआई ने जवाब दिया था कि इस तरह के ऑनलाइन बुकिंग एप या वेबसाइट्स को कन्वीनियंस फीस वसूलने का कोई अधिकार नहीं है. आरबीआई से जवाब मिलने के बाद फोरम अगेंस्ट करप्शन ने Bookmyshow और पीवीआर के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी.