Central Railway Water From Air: सेंट्रल रेलवे ने अपने विभिन्न स्टेशनों पर हवा से पानी बनाने वाली मशीनों को स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट मेघदूत को हरी झंडी दे दी है. ऐसे में यात्री आने वाले समय में हवा से बने स्वच्छ पानी का पी सकेंगे. लगातार पानी की किल्लत को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों के हित में यह फैसला लिया है.
फिलहाल यह प्रोजेक्ट सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, कुर्ला, ठाणे, विक्रोली, दादर और घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर लगाए जाएंगे. मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड का हवा से पानी (Water From Air) बनाने का संयत्र आसपास के मौजूदा वातावरण में उपलब्ध हवा को पानी के रूप में बदल देता है. हवा से बनने वाला पानी इतना साफ और शुद्ध है कि इस टैक्नोलॉजी को संयुक्त राष्ट्र ने भी मान्यता दी है.
जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है पानी
पृथ्वी पर इंसान के जीवन के लिए हवा और पानी सबसे ज्यादा जरूरी है. अत्यधिक दोहन के चलते मुंबई समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पानी की किल्लत देखने को मिलती है. आलम यह है कि चुनिंदा राज्यों में लोगों को पानी पिलाने के लिए भारतीय रेल का सहारा भी लिया जाता है. जबकि मुंबई में पिछले कुछ सालों में पानी की उपलब्धता काफी कम होने लगी है. इस वजह से लोग पानी कटौती की समस्या से जूझते भी रहते हैं. मुंबई की ऐसी ही समस्या को देखते हुए सेंट्रल रेलवे ने रेलवे स्टेशनों पर मेघदूत मशीनों को लगाने का फैसला लिया है.
यह है मेघदूत की टेक्नोलॉजी
सेंट्रल रेलवे ने पहले चरण में 17 मेघदूत प्रोजेक्ट रेलवे स्टेशनों पर लगा रहा है. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर और ठाणे में तकरीबन 14 मेघदूत लगाए जाएंगे. वहीं विक्रोली, घाटकोपर और कुर्ला में तीन मशीनें लगेंगी. हवा से साफ पानी बनाने की मेघदूत की टेक्नोलॉजी भी काफी अनोखी है. 18 डिग्री सेल्सियस से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस के किसी भी वातावरण में यह मेघदूत मशीन काम करती है. इसको ऑन करते हुए दो से तीन घंटे में एक हजार लीटर पानी हवा से तैयार हो जाता है.
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