Mutual Fund vs Share Market: भारत इस समय तेजी से ग्रोथ कर रहा है. इसका असर मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है. सेंसेक्स और निफ्टी रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. मार्केट में जारी इस तेजी का फायदा निवेशकों को भी हो रहा है. निवेशक मार्केट में दो तरीके से पैसे लगा रहे हैं. एक तो डायरेक्ट और दूसरा इनडायरेक्ट. डायरेक्ट यानी शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर को खुद से खरीद कर मुनाफा कमाना और दूसरा इनडायरेक्ट यानी म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर रिटर्न बनाना. आप भी निवेश करने की सोच रहे हैं और इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि पैसा कहां लगाना चाहिए तो यह खबर आपके लिए है.
जोखिम कितना होता है?
म्यूचुअल फंड में भी जोखिम होता है, लेकिन स्टॉक की तुलना में कम होता है. बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए स्टॉक खरीद पर नकारात्मक रिटर्न मिल सकता है. म्यूचुअल फंड निवेश में फंड मैनेजर जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न सिक्योरिटिज में निवेश करते हैं. इसका फायदा यह होता है कि बाजार में आई रिकॉर्ड गिरावट का बड़ा असर आपके फंड पर नहीं पड़ता है या फिर कोई सिंगल कंपनी के शेयर में आई गिरावट से आपको नुकसान नहीं पहुंचता है. स्टॉक में आप जिस कंपनी के शेयर की खरीदारी करते हैं, उसके गिरने-बढ़ने से सीधा आपको असर होता है.
रिटर्न कितना मिलेगा?
बाजार कैसे काम करता है, इसे ध्यान में रखते हुए सही तरीके से निवेश किया जाए तो म्यूचुअल फंड और स्टॉक दोनों अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. म्यूचुअल फंड पर रिटर्न निवेश अवधि पर निर्भर करता है जबकि स्टॉक निवेश से अप्रत्याशित लाभ हो सकता है. यानी अगर किसी कंपनी के बारे में अच्छी खबर आ जाती है और वह तेजी से ग्रो करने लगती है तो आपको कई गुना रिटर्न मिल सकता है. म्यूचुअल फंड में ऐसा नहीं होता है. इसमें आपको 12-15 पर्सेंट का औसत रिटर्न मिलता है. यह अधिक भी हो सकता है.
मैनेज कैसे करना होता है?
म्यूचुअल फंड का मैनेजमेंट आमतौर पर फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है, जबकि निवेशक शेयर बाजारों में निवेश को खुद मैनेज करते हैं. वह चाहें तो किसी थर्ड पार्टी ब्रोकर एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं.
कीमत कैसे तय होती है?
शेयर की कीमत बाजार कारकों के कारण वास्तविक समय में आए उतार-चढ़ाव से तय होती है, म्यूचुअल फंड की कीमत ट्रेडिंग डे के अंत में नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के आधार पर तय की जाती है. यानी कंपनी का मार्केट वैल्यू क्या है.
टैक्स बेनिफिट कितना है?
टैक्स लाभ के बारे में बात करें तो म्यूचुअल फंड के मामले में ELSS फंड आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है, जबकि शेयरों में निवेश के लिए कोई टैक्स लाभ नहीं है.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए आसानी से आपके लिए कहां निवेश करना फायदेमंद रहेगा, यह तय कर सकते हैं. एक्सपर्ट हमेशा लोगों को म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह देते हैं. अगर उन्हें मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी नहीं है. आप कभी भी निवेश करने की सोचें तो एक एक्सपर्ट से राय जरूर ले लें.
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