एनपीएस, यूपीएस और ओपीएस में क्या होता है अंतर? जानें किसमें मिलता है सबसे ज्यादा फायदा
Pension Schemes: एनपीएस, यूपीएस और ओपीएस कितना है इन तीनों पेंशन योजनाओं में अंतर और किस में मिलता है सबसे ज्यादा फायदा. चलिए आपको बताते हैं पूरी खबर.

Pension Schemes: रिटायरमेंट प्लानिंग एक बेहद जरूरी फाइनेंशियल निर्णय होता है. सही योजना भविष्य में आने वाली बहुत सी मुश्किलों को आसान कर सकती है. सभी लोग नौकरी के दौरान ही अपनी पेंशन की प्लानिंग करते हैं. फिर चाहे वह सरकारी नौकरी वाले ही क्यों ना हों. फिलहाल भारत में नए सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिलती है.
तो वहीं 22 दिसंबर 2003 से पहले भर्ती हुए केंद्रीय कर्मचारियों को ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिलती है. देश में 1 अप्रैल 2025 के बाद से कर्मचारी चाहे तो यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस के तहत भी पेंशन ले सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं. कितना है तीनों पेंशन योजनाओं में अंतर और किस में मिलता है सबसे ज्यादा फायदा.
एनपीएस, यूपीएस और ओपीएस में क्या है अंतर?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम इसी साल 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगी. यूपीएस के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाएगी. जो उनके आखिरी 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा. कर्मचारियों को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी. अगर कर्मचारियों की मृत्यु हो जाती है. तो उसके परिवार को कर्मचारी की पेंशन का 60% मिलेगा.
इसके अलावा जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं. उन्हें भी कम से कम 10,000 की पेंशन दी मिलेगी. इसमें महंगाई के हिसाब से रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन बढ़ती रहेगी. इस पेंशन योजना के तहत सरकार 18.4 परसेंट का कॉन्ट्रिब्यूशन देगी. जबकि कर्मचारियों को बेसिक सैलरी और डीए मिलाकर 10% का योगदान देना होगा. इस कंट्रीब्यूशन के आधार पर यूपीएस के तहत पेंशन दी जाएगी.
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एनपीएस योजना की बात की जाए तो प्राइवेट से लेकर सरकारी कर्मचारी तक कोई भी इसमें लाभ ले सकता है. एनपीएस में सैलरी के 10 परसेंट की कटौती होती है. एनपीएस शेयर बाजार से लिंक योजना है. इसमें कंट्रीब्यूशन करने पर रिटायरमेंट के वक्त 60% तक अमाउंट एक मुश्त मिलता है और बाकी बचा 40% एन्युटी के तौर पर दिया जाता है.
वहीं ओपीएस की बात की जाए तो ओपीएस में केंद्रीय कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और कितने साल सर्विस की है इसके आधार पर गारंटीड पेंशन दी जाती है. कम से कम 10 साल नौकरी करने वाले कर्मचारी ओपीएस लेने के लिए पात्र होते हैं. इसमें सालाना दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है.कर्मचारियों को इसमें कोई भी कंट्रीब्यूशन नहीं करना होता. ना ही उसकी सर्विस के दौरान इसके लिए उनकी सैलरी से कोई कटौती होती है. इसमें जीपीएफ की सुविधा भी मिलती है. हालांकि आपको बता दे 22 दिसंबर 2003 से पहले भर्ती हुए कर्मचारी ही इसका लाभ ले सकते हैं.
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कौनसी स्कीम में ज्यादा फायदा?
अगर कोई सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस के तहत पेंशन लेने के लिए पात्र है. तो उसके लिए सबसे बेहतरीन ओपीएस है. क्योंकि इसमें ज्यादा फायदा होता है. एनपीएस में सरकारी कर्मचारियों के अलावा प्राइवेट कर्मचारी भी आवेदन कर सकते हैं. इसमें गारंटीड पेंशन नहीं होती लेकिन निवेश के आधार पर रिटर्न मिलता है. वही यूपीएस की बात की जाए तो इसमें सरकार की ओर से भी कंट्रीब्यूशन दिया जाता है. यानी ओपीएस के बाद दूसरी सबसे अच्छी पेंशन स्कीम यूपीएस है. कर्मचारी अपनी जरूरत के आधार पर कैलकुलेट करके कोई भी पेंशन स्कीम चुन सकते हैं.
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