देश में महिला वोटर्स को लेकर एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है. एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2014 से 2024 के बीच सरकारी योजनाओं के कारण महिला वोटर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है. भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 में कुल मतदाता 83.4 करोड़ थे, जो 2024 में बढ़कर 97.8 करोड़ हो गये हैं. बता दें कि इसमें महिला वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है. आज हम आपको बताएंगे कि एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट ने महिला वोटर्स की बढ़ती संख्या के पीछे क्या वजह बताई है.


पुरुषों के बराबर पहुंची महिला वोटर्स की संख्या 


एसीबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी योजनाओं के कारण 2014 से 2024 के बीच महिला वोटर्स की संख्या लगभग पुरुषों के बराबर पहुंच चुकी है. चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर एसबीआई रिसर्च टीम ने रिपोर्ट तैयार की है, जिसके मुताबिक देश में अब 100 पुरुष वोटर्स पर 95 महिला वोटर्स की संख्या है. महिला वोटर्स की संख्या इन बीते 10 सालों में बढ़ी है. 


10 सालों में इतने वोटर्स ने किया वोट


एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक दशक में 90 मिलियन से अधिक वोटर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. इसमें लगभग 58% महिलाएं थीं, सरल भाषा में लगभग 5.3 करोड़ महिला मतदाताओं ने वोट किया है. ये आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की भारत के राजनीतिक सक्रियता में वृद्धि हुई है.


इन योजनाओं के कारण बढ़ी महिला वोटर्स की संख्या?


बता दें कि चुनाव आयोग ने बताया है कि 2024 में महिला मतदाताओं में 1.8 करोड़ की वृद्धि हुई है, जो 2019 के मुकाबले एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है. रिसर्च रिपोर्ट के मुताबित इसके पीछे महिला केंद्रित सरकारी योजनाएं हैं. जानिए रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक किन योजनाओं के कारण महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है. 


• बता दें कि 45 लाख महिलाएं साक्षरता में वृद्धि के कारण मतदाता बनी हैं.
• इसके अलावा 36 लाख महिलाएं रोजगार और मुद्रा योजना की वजह से मतदान किया है. 
• प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर का मालिक बनने के कारण 20 लाख महिलाएं मतदान के लिए गई थी.
• वहीं 21 लाख महिलाएं स्वच्छता, बिजली और पानी की पहुंच में सुधार के कारण मतदान की है. 


केंद्रीय महिला योजनाओं के कारण बढ़ी महिला वोटर्स की संख्या


एसबीआई रिसर्च के मुताबिक देश के 19 राज्यों में जहां केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिला है, वहां महिला वोटर्स की संख्या में 7.8 लाख की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन 2019 के बाद जिन राज्यों में योजना अच्छे से लागू नहीं हुई है, वहां सिर्फ 2.5 लाख महिला वोटर्स बढ़ी हैं. आसान भाषा में कहा जाएगा तो जहां योजना पहुंची वहां महिला वोटर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है.


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