डिजिटल पेमेंट के इस दौर में हम हर तरह का ट्रांजेक्शन ऑनलाइन ही करते हैं, यानी एक या दो क्लिक में पूरा पेमेंट हो जाता है. यूपीआई या नेट बैंकिंग से ट्रांजेक्शन काफी आसान होता है, लेकिन टेक्नोलॉजी के साथ-साथ इसके खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन ठगी यानी साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़े हैं. पलक झपकते ही लोगों के खाते से लाखों रुपये गायब हो जाते हैं, किसी भी एक लिंक पर क्लिक करते ही आपका अकाउंट खाली हो सकता है. अब अगर कभी आप भी साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं तो आप क्या कर सकते हैं और कैसे अपना पैसा वापस ले सकते हैं, आइए जानते हैं... 


तुरंत करें इस नंबर पर फोन
साइबर ठगी से बचने और इससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. जिस पर आप तुरंत सूचना दे सकते हैं. अगर आपके साथ ऑनलाइन ठगी हुई है तो आप 1930 हेल्पलाइन नंबर डायल करें. ध्यान रखें कि आप कॉल उसी नंबर से करें, जिससे आपका खाता और यूपीआई चल रहा हो. नंबर पर कॉल करके आपको बताना होगा कि आपसे किस तरह का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है. 


अकाउंट हो जाता है ब्लॉक
इस नंबर पर कॉल करने के बाद आपसे कभी भी कोई ओटीपी या फिर सीवीवी नंबर नहीं मांगा जाएगा. यहां आपसे घटना की जानकारी और समय आदि की जानकारी पूछी जाएगी. इस नंबर पर कॉर करने के बाद आप उम्मीद रख सकते हैं कि आपका पैसा आपको वापस मिल जाएगा. ऐसा करने पर साइबर ठगी करने वाले के बैंक अकाउंट को सीज कर दिया जाता है, जिससे वो पैसे नहीं निकाल सकता. अब तक करोड़ों रुपये बैंक खातों में ब्लॉक किए गए हैं. जिसके बाद एक प्रोसेस के जरिए असली मालिक को पैसे वापस दिए जाते हैं. 


अगर आपके साथ भी भविष्य में कुछ ऐसा हो तो सबसे पहले अपने बैंक को सूचना दें और इस हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत कॉल करें. हालांकि सभी मामलों में पैसा वापस मिलना मुमकिन नहीं होता है. कई बार विदेशों में बैठे ठग भी आपको चूना लगा सकते हैं. 


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