Digital Payments: ऑनलाइन शॉपिंग और यूपीआई के इस दौर में किसी भी पेमेंट के लिए ज्यादा देर इंतजार नहीं करना होता है, कुछ ही सेकेंड में आप अपना बिल चुका लेते हैं. यानी टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को काफी आसान बना दिया है, लेकिन इसी टेक्नोलॉजी ने उन लोगों का काम भी आसान कर दिया जो लोगों के साथ ठगी करते हैं. पिछले कुछ सालों में फिशिंग और ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़े हैं, सबसे ज्यादा फ्रॉड ओटीपी से होते हैं, जिनमें किसी भी तरह आपका ओटीपी लेकर साइबर ठग आपको लाखों का चूना लगाते हैं. इसी को देखते हुए अब इस ओटीपी वाले चक्कर को ही खत्म करने की तैयारी हो रही है. 


ओटीपी सिस्टम को रिप्लेस करने की तैयारी
दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से ओटीपी सिस्टम को हटाने और इसकी जगह नया सिक्योरिटी सिस्टम लाने की तैयारी हो रही है. यानी जल्द ही तमाम डिजिटल पेमेंट्स के लिए ओटीपी सिस्टम रिप्लेस हो जाएगा. इससे ऑनलाइन ठगी के मामले काफी कम हो जाएंगे और जामताड़ा जैसी फिशिंग तो लगभग खत्म हो जाएगी. अब तक साइबर ठग सिम स्वैप करके या फिर किसी तरह लोगों को जाल में फंसाकर उनका ओटीपी लेते थे और फिर सारा अकाउंट खाली कर देते थे. 


ऑनलाइन ठगी होगी मुश्किल
ओटीपी वेरिफिकेशन सिस्टम को बदलकर अब आरबीआई किसी ऑथेंटिकेशन ऐप या फिर आपके फोन के ही सिक्योरिटी सिस्टम को पेमेंट वेरिफिकेशन के लिए इजाजत दे सकता है. ऐसे में जब तक आप अपने बायोमेट्रिक या फेशियल आईडी का इस्तेमाल नहीं करेंगे, तब तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं हो पाएगा. इसीलिए ऑनलाइन ठगों को आपका पूरा मोबाइल ही हैक करना होगा, जो हर किसी के लिए काफी मुश्किल होता है. 


हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब ओटीपी वेरिफिकेशन को हटाया जा रहा हो, इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) ने भी इसे हटाने का काम किया था. इसकी जगह आप अपने मेल से वेरिफिकेशन कर सकते हैं. अब अगर डिजिटल पेमेंट्स के लिए भी ओटीपी का ये पुराना और कमजोर तरीका हटा लिया जाता है तो कहीं न कहीं लोगों को इसका फायदा मिलेगा. 


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