PPF PF Interest Rate: लोगों की जिंदगी में बचत एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिए लोग नौकरी करते वक्त ही ऐसी योजनाओं में इन्वेस्ट करते हैं जो भविष्य में उनके लिए अच्छी साबित हो सकें. इसके लिए लोग सरकारी बचत योजनाओं में भी इन्वेस्ट करते हैं. ऐसी ही एक बचत योजना है पीपीएफ जिसे लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड कहा जाता है. 


सरकार ने साल 1968 में इस बचत योजना को शुरू किया था. कोई भी भारतीय निवेश कर सकता है. पीपीएफ और पीएफ को लेकर अक्सर लोगों के मन में थोड़ी सी कन्फ्यूजन रहती है. इनमें से बेहतर रिटर्न कौन देता है. तो चलिए जानते हैं क्या है दोनों योजनाओं में अंतर और कौन देता है ज्यादा ब्याज. 


क्या है पीएफ और पीपीएफ में अंतर?


पीएफ और पीपीएफ दोनों की सरकारी बचत योजनाएं हैं. जिसमें पीएफ को ईपीएफओ मैनेज करती है. इस योजना का लाभ नौकरीपेशा लोगों को ही मिल पाता है. इस योजना में कंपनी और कर्मचारी दोनों ही अपना योगदान देते हैं. इसमें कर्मचारी की सैलरी का 12% प्रतिशत जमा होता है. जिसे कि बढ़ाया भी जा सकता है.


 तो वहीं पीपीएफ भी सरकारी स्कीम है. जिसे सीधे सरकार इस्तेमाल करती है.  जिसमें कोई भी भारतीय नागरिक इनवेस्ट कर सकता है. इसमें निवेश की राशि 500 रुपये से लेकर 1,50,000 लाख रुपये तक होती है. इस योजना का लाभ लेने वाला स्वयं ही इस योजना में निवेश करता है. अगर कोई नाबालिग इस योजना का लाभ ले रहा है. तो उसके माता पिता के ऊपर निवेश की जिम्मेदारी होती है. 


कौन ज्यादा ब्याज देता है? 


पीएफ और पीपीएफ दोनों ही सरकारी स्कीम हैं. लेकिन दोनों की ब्याज दरें अलग-अलग हैं. ईपीएफओ हर साल जो पैसा इकट्ठा होता है. उसका 15% इक्विटी में इन्वेस्ट करती है. तो वहीं सरकारी बॉन्ड में लगा दिए जाते हैं. इसकी ब्याज दर मार्केट की सिचुएशन पर आधारित होती है. फिलाहल पीएफ की ब्याज दर  8.15% है. जबकि पीपीएफ की ब्याज दर की बात की जाए तो 7.1% है. 


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