PM Awas Yojana 2.0: अपना घर होना सभी लोगों का एक सपना होता है इसके लिए बहुत से लोग बहुत सारी मेहनत करते हैं. लोग दिन-रात जमा पूंजी इकट्ठे करने में लगे रहते हैं तब जाकर कहीं एक घर खरीद पाते हैं. लेकिन बहुत से लोगों के पास इतने पैसे जमा नहीं हो पाते हैं. जिस वजह से कई लोग घर नहीं ले पाते. तमाम उम्र किराए पर ही बिता देते हैं.


लेकिन ऐसे लोगों की मदद करती है भारत सरकार. सरकार देश के नागरिकों के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जाती हैं. इन्हीं में सरकार की एक योजना है पीएम आवास योजना. जिसमें सरकार गरीब जरूरतमंदों को घर बनाने के लिए मदद देती है. केन्द्र सरकार ने योजना का नया प्रारूप पीएम आवास योजना 2.0 शुरू की है. जानें इसमें क्या होगा फायदा क्या हैं इसके नियम. चलिए आपको बताते हैं. 


क्या है पीएम आवास योजना 2.0?


भारत सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी इस योजना का मकसद गरीब रेखा के नीचे रहने वाले हर परिवार को अपना घर दिलाना था योजना के तहत जिलों के पास घर नहीं है. उन्हें सरकार आर्थिक सहायता देकर घर बनाने में मदद करती है. पीएम आवास योजना के तहत अब तक 2 करोड़ के लगभग घर बनाए जा चुके हैं.


अब सरकार ने पीएम आवास योजना 2.0 भी शुरू कर दी है. इस योजना के तहत सरकार का मकसद मध्यम वर्ग और शहरी गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता देना है योजना के तहत शहरी क्षेत्र में किफायती दर पर मध्यम वर्ग के परिवारों को घर मुहैया करवाए जाएंगे. 


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किन लोगों को मिलेगा फायदा?


इस योजना के तहत झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यकों, विधवाओं, विकलांग व्यक्तियों और समाज के बाकी वंचित वर्गों पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा, सफ़ाई कर्मी, रेहड़ी-पटरी वाले, कारीगर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस योजना के तहत सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी. 


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क्या हैं इसमें नियम?


पीएम आवास योजना 2.0 के तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के लोगों को सरकार की ओर से लाभ दिया जाएगा. योजना के नियमों के मुताबिक इनमें से जिन लोगों के पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है. उन्हें पक्के घर के लिए सहायता दी जाएगी. इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रताएं तय की हैं.


जिनमें लाभ लेने के लिए ईडब्ल्यूएस परिवार की सालाना 3 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा एलआईजी परिवार की सालाना इनकम 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक के बीच होनी चाहिए. तो वहीं एमआईजी परिवार की सालाना इनकम 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक होनी चाहिए. 


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