PUC Certificate Charges: भारत में जितने भी वाहन चालक होते हैं सभी के पास वहां से जुड़े कुछ दस्तावेजों का होना बेहद जरूरी होता है. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन चालकों के पास  PUC सर्टिफिकेट पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट होना बेहद जरूरी होता है. जिन वाहन चालकों के पास  PUC सर्टिफिकेट नहीं होता. उन्हें फाइन के तौर पर अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट गाड़ी के पॉल्यूशन लेवल को दर्शाता है.


इस से यह पता चलता है कि वाहन तय मात्र से ज्यादा पॉल्यूशन तो नहीं कर रहा. अगर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं होगा तो कार या बाइक को लेकर इस बारे में जानकारी नहीं हो पाएगी. इसीलिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का होना जरूरी होता है. वहीं अब जिन लोगों के पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है उन्हें इसके लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे. दिल्ली सरकार ने इसमें बदलाव कर दिए हैं चलिए जानते हैं क्या हुए हैं चार्ज को लेकर बदलाव. 


पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की कीमतों में हुए बदलाव


दिल्ली में अब पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए वाहन चालकों को पहले से ज्यादा रुपए चुकाने पड़ेंगे. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 10 जुलाई पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की फीस में बढ़ोतरी की है. अब नई मौजूदा फीस बढ़कर दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये हैं. तो वहीं चार पहिया वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए 110 रुपय चुकाने होंगे. बता दें करीब 13 साल बाद पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है. 


पहले थी इतनी कीमतें


साल 2011 के बाद पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट में कीमतों में बदलाव किये गए हैं. पहले दिल्ली में दो पहिया वाहन चालकों को बाइक के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए 60 रुपये चुकाने पड़ते थे. वहीं कार के लिए 80 रुपये चुकाने होते थे. लेकिन अब बाइक और थ्री व्हीलर के किए 20 रुपये बढ़ा दिए गए हैं. तो वहां कार के लिए 30 रुपये बढ़ा दिए गए हैं. 


इस वजह से बढ़ाए गए चार्ज


दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने चार्ज बढ़ाने को लेकर बात करते हुए कहा कि दिल्ली पेट्रोल डीजल संगठन सर्टिफिकेट की कीमत बढ़ाने को लेकर एक लंबे समय से मांग कर रहे थे. क्योंकि प्रदूषण जांच सेवाओं में काफी लागत आती है और इसी के चलते अब सरकार ने इसमें बढ़ोतरी की है. दिल्ली सरकार दिल्ली में एयर क्वालिटी को सही स्तर पर रखने के लिए जिम्मेदारी से काम कर रही है. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रही है कि सभी वाहन पॉल्यूशन स्टैंडर्ड के तहत चलाए जाएं. 


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