Provident Fund Types and Profit: कई लोग प्रोविडेंट फंड के बारे में जानते तो हैं, लेकिन इसे लेकर काफी कंफ्यूज भी रहते हैं. कई लोगों को कन्फ्यूजन रहता है कि एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में क्या अंतर है. इसके साथ ही कई लोग नहीं समझ पाते हैं कि किस पीएफ को चुनना उनके लिए बेहतर है. अब सही का चुनाव तो तब हो पाए, जब उस विषय के बारे में सही ज्ञान हो. वैसे क्या आप जानते हैं कि एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) से अलग एक और प्रोविडेंट फंड होता है. इसका नाम है जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF). कुल मिलाकर 3 टाइप के प्रोविडेंट फंड होते हैं. तीनों में अंतर होता है. सरकार समय-समय पर तीनों की ब्याज दर में बदलाव भी करती रहती है.
तीनों में अंतर
प्रोविडेंट फंड पर हर वित्त वर्ष के लिए सालाना ब्याज दर तय की जाती है. वहीं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के लिए हर तिमाही पर ब्याज दर तय होती है. इसके अलावा, एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) की ब्याज दर EPFO तय करता है और इसकी मंजूरी वित्त मंत्रालय से ली जाती है. वहीं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सरकार की छोटी बचत योजनाओं के तहत आने वाली योजना है, ऐसे में, हर तिमाही आधार पर इसके ब्याज में बदलाव होता रहता है. वहीं, जनरल प्रोविडेंट फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए है. इस पर भी ब्याज दर तिमाही आधार पर तय की जाती है.
EPF क्या होता है?
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) एक निवेश स्कीम है, जो हर नौकरीपेशा को मिलती है. एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड संगठन (EPFO) सभी ईपीएफ खातधारकों के अंशदान का रखरखाव करता है. एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड सरकारी और गैर सरकारी सभी कर्मचारियों के लिए निवेश स्कीम है. नियमों के अनुसार, जिस कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उसका रजिस्ट्रेशन EPFO में होना कंपलसरी है. एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड की राशि हर कर्मचारी की सैलरी से काटी जाती है. बेसिक सैलरी का 12 फीसदी कर्मचारी के वेतन से एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में जमा होता है. वहीं, 12 फीसदी कंपनी की तरफ से दिया जाता है, जिसमें 8.33 फीसदी आपके पेंशन स्कीम (EPS) अकाउंट में और बाकी 3.67 फीसदी EPF में जमा होता रहता है. फिलहाल, EPF पर 8.65 फीसदी ब्याज भी मिलता है.
PPF क्या होता है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक स्मॉल सेविंग योजना है. इसे बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है. यह छोटी बचत स्कीम में निवेश का एक साधन है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड केवल किसी कर्मचारी तक सीमित नहीं होता है. बल्कि देश का कोई भी नागरिक इसका लाभ उठा सकता है. बच्चों के नाम पर भी पीपीएफ ओपन कराया जा सकता है. फिलहाल, PPF पर 7.1 फीसदी ब्याज दिया जाता है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत आता है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट दिया जाता है. इसमें मैच्योरिटी के समय भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है.
GPF क्या होता है?
जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) सरकारी काम करने वाले लोगों के लिए होता है. एक सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा जनरल प्रोविडेंट फंड के रूप में देकर इसका मेंबर बन सकता है. जनरल प्रोविडेंट फंड में जमा राशि सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय मिल जाती है. जनरल प्रोविडेंट फंड पर फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज दिया जाता है. अगर कोई सरकारी कर्मचारी सस्पेंड हो जाता है तो ऐसी स्तिथि में जनरल प्रोविडेंट फंड में जमा नहीं कर सकता है. कर्मचारी के रिटायरमेंट से तीन महीने पहले जनरल प्रोविडेंट फंड अकाउंट बंद हो जाता है. अगर सरकारी कर्मचारी इसके एवज में एडवांस लोन लेता है, तो इसके बदले उसे ब्याज नहीं चुकाना पड़ता है बल्कि लोन की राशि EMI के रूप में चुकानी होती है.
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