Railway Ticket Discount Rules: भारतीय रेलवे रोजाना सैकड़ों ट्रेनें चलाता है, जिनमें लाखों लोग सफर करते हैं. रेलवे की तरफ से यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं भी दी जाती हैं. साथ ही कई मामलों में किराये में भी छूट दी जाती है. कुछ यात्री ऐसे भी होते हैं, जिन्हें रेलवे की तरफ से किराये में पूरी छूट दी जाती है, यानी एक भी पैसा नहीं देना होता है. इसके अलावा कुछ यात्री ऐसे भी होते हैं, जिन्हें किराये में रियायत दी जाती है. आज हम आपको IRCTC रूल्स वाली सीरीज में यही बताने जा रहे हैं. 


मरीजों को मिलती है सुविधा
दरअसल रेलवे की तरफ से गंभीर बीमारी वाले मरीजों को किराये में छूट दी जाती है. इसमें कई बीमारियां शामिल हैं, ऐसे मरीजों को रेलवे में मुफ्त सफर की सुविधा दी जाती है. कैंसर, थैलेसीमिया, टीबी, एचआईवी, एनीमिया, हीमोफिलिया और हार्ट सर्जरी के लिए जा रहे मरीजों को रेलवे टिकट में 100 परसेंट तक की छूट देता है. हालांकि ये छूट स्लीपर क्लास में मिलती है, इसके बाद थर्ड एसी में 75% और फर्स्ट और सेकेंड एसी में 50 परमेंट की छूट मिलती है. इसके अलावा मरीज के साथ सफर कर रहे अटेंडेंट को भी किराये में छूट का प्रावधान है.


दिव्यांगों को भी छूट
मरीजों के अलावा ट्रेन में दिव्यांगों के लिए भी किराये में छूट का प्रावधान है. दिव्यागों को 50 से 75 परसेंट तक की छूट मिलती है. इसमें मानसिक रूप से कमजोर, दृष्टिहीन और फिजिकली डिसेबल लोग आते हैं. टिकट बुक कराते हुए इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है. कुछ साल पहले तक बुजुर्गों को भी किराये में छूट मिलती थी, जिसे बंद कर दिया गया. 


छूट के लिए ये दस्तावेज हैं जरूरी
ट्रेन के किराये में छूट पाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. मरीज का मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कराना होता है, जिसके बाद टिकट में छूट दी जाती है. इसी तरह दिव्यांगों को डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट देना होता है. छूट के लिए आपको रेलव काउंटर पर जाना होता है, ये सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होती है. इस बात का ध्यान रखें कि छूट तभी मिलती है जब यात्री 300 किमी से ज्यादा की यात्रा कर रहा हो. 


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