Home Loan Repo Rate: घर खरीदना सभी का एक सपना होता है. इसके लिए लोग खूब जी तोड़ मेहनत भी करते. बैंकबाजार के 'बैंकबाजार एस्पिरेशन इंडेक्स' सर्वे के मुताबिक खुद का घर होना भारतीयों की टॉप 3 इच्छाओं में से एक है. लेकिन प्रॉपर्टी के बढ़ते दाम और बढ़ती ब्याज दरों के चलते लोगों का यह सपना पूरा कर पाना काफी मुश्किल काम हो चुका है. 


लेकिन आज के समय में होम लोन के सहारे बहुत से लोग अपने मनपसंद घर का सपना पूरा कर पा रहे हैं. आपके होम लोन लेने के फैसले को बहुत से फैक्टर प्रभावित कर सकते हैं. होम लोन कब लेना चाहिए क्या है इसके लिए सही समय. और रेपो रेट से होम लोन कैसे प्रभावित होता है चलिए आपको बताते हैं. 


होम लोन और रेपो रेट


रेपो रेट वह रेट होती है. जिस पर सेंट्रल बैंक दूसरे कमर्शियल बैंक को फंड देता है.  इसी रेपो रेट के आधार पर यह बैंक लोगों को लोन मुहैया करवाते हैं. जिसमें होम लोन भी शामिल है. फिलहाल रेपो रेट 6.5% है जो कि पिछले 6 बार से न कम हुई है न बढ़ी है. भविष्य में यह कम होगी इसे लेकर के भी फिलहाल अनिश्चितता के बादल है. ऐसे में आपको अभी होम लोन लेना चाहिए या फिर आपको रेपो रेट कम होने का इंतजार करना चाहिए. चलिए आपको दो आंकड़ों के जरिए बताने की कोशिश करते हैं. 


9% की इंटरेस्ट रेट पर लोन


अगर आप 9% की ब्याज दर पर 20 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लेने की सोच रहे हैं. तो ऐसे में आपकी एक एक महीने की किस्त यानी ईएमआई  लगभग 44,986 रुपये की पड़ेगी. तो वहीं 20 सालों में आप ब्याज के तौर पर 57,96,775 रुपये देने होंगे. 


इंटरेस्ट रेट  8.5% पर आती है तो


लेकिन वहीं आप 9% की ब्याज दर पर लोन लेने के बजाय थोड़ा इंतजार करते हैं. और आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है. तो होम लोन की ब्याज दरें 8.5% तक काम हो जाते हैं. और ऐसे में आप 50 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए लेते हैं. तो आपकी ईएमआई यानी मंथली किस्त घटकर लगभग 43,391 तक पहुंच जाती है. इस पर आपको जो ब्याज के रुपए देने हैं वह 54,13,978 रुपये होंगे. 


कुल बचत


अगर आप 9% की ब्याज दर के मुकाबले 8.5% की कम ब्याज दर पर लोन लेते हैं. तो आपको मंथली किस्त यानी ईएमआईम पर 1595 रुपये बचेंगे. इसके साथ ही ब्याज के तौर पर भी आप 3,82,797 रुपए बचा पाएंगे.


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इन तथ्यों के आधार पर करें फैसला


प्रॉपर्टी कीमत बढ़ने से होगा नुकसान - आरबीआई कब रेपो रेट कम करता है.. इस बात को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता. क्योंकि फिलहाल  रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति की दर को सामान्य लेवल पर लाने के लिए फोकस कर रहा है. रेपो रेट कम होने के लिए अगर आप अपने घर खरीदने के फैसले को टालते हैं. तो इस दौरान प्रॉपर्टी के रेट बढ़ सकते हैं. जो कि आपके लिए नुकसानदायक है. क्योंकि जो फायदा आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने पर मिलने वाला थ. वह प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने से आपको फायदा नहीं मिलेगा. 


अपनी फाइनेंसियल कंडीशन को देखें - बैंक बाजार के एजीएम कम्युनिकेशंस रवि कुमार दिवाकर के मुताबिक अगर आपकी फाइनेंसियल कंडीशन फिलहाल अच्छी है आपके पास ठीक-ठाक बचत है और एक अच्छा इनकम सोर्स है तो आप मौजूद रेट पर होम लोन ले सकते हैं. लेकिन जब आप अपनी फाइनेंशियल कंडीशन को देखें.  तो उसमें इस बात का ध्यान रखें कि आपको लोन लेने पर कुछ डाउन पेमेंट करना होगा. जिससे आपको वर्तमान दर पर प्रॉपर्टी मिल जाएगी और आप भविष्य में उसे बढ़े हुए दाम पर बेच कर फायदा कमा सकते हैं. 


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अपना किराया और भविष्य में होने वाली बचत को कंपेयर करें-  अगर आप किराए पर रहते हैं .तो आप इस बात को देखें की आप इंटरेस्ट रेट कम होने का वेट कब तक कर सकते हैं. और उस दौरान आप कितना किराया चुका देंगे. क्या इस दौरान चुकाया गया किराया भविष्य में इंटरेस्टे रेट कम होने पर आपको इतना फायदा दे देगा. जितना किराया आप इस दौरान चुका देंगे, अगर आपको लगता है की आप इंतजार करेंगे तो आप ज्यादा किराया चुका देंगे और आपको फायदा उतना नहीं होगा. तो बेहतर है आप इंतजार न करते हुए प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं. 


टैक्स बेनिफिट्स कंपेयर करें - होम लोन लेने पर आपको इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C और 24(b) के तहत काफी सारे टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं. इसमें आपको टैक्स में छूट मिलती है. और हायर इंटरेस्ट रेट होने के बावजूद भी आपको बेनिफिट होता है. कम ब्याज दर पर आप लोन लेते हैं तो आपके ओवराल फायदा होता है लेकिन ब्याज दर कम होने का इंतजार अगर आप करते हैं.


तो इससे आप जो प्रॉपर्टी खरीदने वाले होते हैं. उसकी कीमत काफी बढ़ सकती है. जैसे अगर आज कोई प्रॉपर्टी एक करोड़ की है. तो कुछ सालों में वह आपको 1 करोड़ 30 लाख रुपये की मिलेगी. जो फायदा आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने से होता वह नहीं हो पाएगा. इसीलिए पहले इन सभी पहलुओं को अच्छे से जांच ले उसके बाद ही होम लोन के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ाएं. 


क्या है बैंक बाजार?


बता दें कि बैंक बाजार एक व्यक्तिगत फाइनेंस मैनेजमेंट ऐप है, जो आपके मंथली खर्चों को खुद-ब-खुद ट्रैक करता है. ट्रैकिंग का यह तरीका एकदम सेफ होता है. इसके अलावा अगर आप कोई गलत लेन-देन करते हैं या किसी पेमेंट पर आपको जुर्माना देना पड़ता है तो यह ऐप यूजर को जानकारी भी देता है.


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