Sheikh Hasina Extradition: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद 5 अगस्त 2024 को भारत चली आईं थीं. तब से वह भारत में ही रह रही हैं. वहीं बांग्लादेश में बात की जाए तो हालत फिलहाल काबू में है. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगवाई में अंतरिम सरकार देश की बागडोर संभाल रही हैं. इसी बीच बांग्लादेश सरकार की ओर से भारत सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर पत्र लिखा गया है.
भारत सरकार की ओर से फिलहाल इसे लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन साल 2013 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुई प्रत्यर्पणीय अपराध मामलों को लेकर हुई संधि को देखें. तो भारत सरकार शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेज सकती है. शेख हसीना के बांग्लादेश जाने पर उनके साथ क्या होगा. क्या हैं इसे लेकर बांग्लादेश के कानून. चलिए आपको बताते हैं.
बांग्लादेश लौटने पर शेख हसीना पर हो सकती है कार्रवाई
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कुल 51 कानूनी मामले दर्ज हैं. इनमें से 42 मामले हत्या के हैं. जो काफी गंभीर हैं. ऐसे में अगर शेख हसीना वापस बांग्लादेश का रुख करती हैं. तो उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कार्यवाही की जा सकती है. बांग्लादेश सरकार मामलों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें जेल भी भेज सकती है.
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हो सकती है इतनी सजा
शेख हसीना पर 42 हत्या के मामले दर्ज हैं. ऐसे में अगर बांग्लादेशी कानून को देखें तो उनके लिए काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है. बांग्लादेश में हत्या के अपराध के लिए कड़ी सजा दी जाती है. बांग्लादेश पेनल कोड, 1860 (Bangladesh Penal Code) के तहत हत्या के जुर्म के लिए मृत्यु दंड तक दिया जा सकता है. तो इसके साथ ही आजीवन कारावास और जुर्माना तक लगाया जा सकता है.
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भारत के पास क्या विकल्प?
भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 में प्रत्यर्पण संधि को लेकर समझौता हुआ था. साल 2016 में जिसमें संशोधन हुए थे. इस संधि के तहत अगर किसी व्यक्ति का अपराध राजनीति के प्रकृति का है तो फिर किसी भी देश की ओर से प्रत्यर्पण के लिए इंकार किया जा सकता है. लेकिन संधि के मुताबिक हत्या जैसे अपराध को राजनीतिक अपराध में काउंट नहीं किया जाएगा. बता दें शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद उनपर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. अब देखना होगा भारत सरकार इस पर क्या फैसला लेती है.
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