South Central Railway News: दक्षिण मध्य रेलवे ने सिकंदराबाद, विजयवाड़ा और गुंतकल डिवीजन में तकनीकी खामियों को दूर कर लिया है. जिसके बाद अब ट्रेनें इस रूट पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ पा रही हैं. रेलवे ने 130 पर दौड़ रही राजधानी की वीडियो ट्वीट के माध्यम से साझा भी की है. जिसमें ट्रेनों की स्पीड बढ़ने की जानकारी दी गई है. इस रूट पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे की 24 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया था. जिसके बाद नॉन इंटरलॉकिंग जैसे कार्य पूरे किये गए हैं. मंगलवार को रेलवे ने नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस और सिकंदराबाद दानापुर एक्सप्रेस को 130 की स्पीड से दौड़ाकर देखा.


रॉयनपाडु और कोंडा पल्ली रेलवे स्टेशन पर तीसरी लाइन में नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के चलते उत्तर मध्य रेलवे की 24 ट्रेनें सितंबर महीने में डायवर्ट कर दी गई थीं. यह डायवर्जन अलग-अलग तारीखों में लागू किया गया. सिकंदराबाद, हैदराबाद, गुंतकल, गुंटूर, नांदेड़ और विजयवाड़ा क्षेत्र दक्षिण मध्य रेलवे में आते हैं. नॉन इंटरलॉकिंग कार्य पूरा हुआ तो रेलवे ने इस रूट पर 130 की स्पीड से ट्रेन दौड़ाकर ट्रायल किया है. यह ट्रायल सफल बताया जा रहा है. क्योंकि मंगलवार को सिकंदराबाद नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस और सिकंदराबाद दानापुर एक्सप्रेस को 130 की स्पीड से दौड़ाया गया. स्पीड ट्रायल के बाद इसकी समीक्षा की गई. रेलवे ने बयान जारी करते हुए कहा है कि ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्रियों को कम समय में बेहतर यात्रा करने का अनुभव मिलेगा.


क्या होता है इंटरलॉकिंग या नॉन इंटरलॉकिंग?


जिन स्टेशनों पर प्वाइंट तथ सिग्नल आपस में जुड़े हुए नहीं होते हैं. ऐसे स्टेशन को नॉन इंटरलॉक्ड स्टेशन कहते हैं. ये तीन प्रकार के होते हैं. जबकि इंटरलॉकिंग का मतलब यह है कि सिग्नल और प्वाइंट को जोड़ दिया जाता है. यह प्वाइंट और सिग्नल मैकेनिकल तथा इलेक्ट्रिकल रूप से उपयोग में लाए जाते हैं. सिग्नलों का संचालन स्टेशन पर बने लीवर से करते हैं.


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