Sovereign Gold Bond: किसी भी त्योहार या फिर शादी के मौके पर लोग सोने के गहने खरीदते हैं, इसे एक अच्छे निवेश के तौर पर भी देखा जाता है. यही वजह है कि लोग सोने में खूब निवेश करते हैं और इसका उन्हें फायदा भी मिलता है. हालांकि अब लोग गहनों की बजाय गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जिन्हें हम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के नाम से जानते हैं. 12 फरवरी से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त खोली गई है, इसमें 16 फरवरी तक निवेश कर सकते हैं. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि गोल्ड बॉन्ड खरीदना कितना फायदेमंद है और ये सुनार से सोना खरीदने से कितना अलग है. 


क्या होते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की एक स्कीम है, जिसमें आपको गोल्ड फिजिकली नहीं मिलता है, लेकिन आप इसे कुछ मात्रा में अपने नाम कर सकते हैं. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि ये क्रिप्टो करेंसी जैसा कुछ है, जिसे आप डिजिटली अपने पास रख सकते हैं. यानी डिजिटल रूप में आपके पास सोना होता है. यही वजह है कि गोल्ड बॉन्ड को काफी सुरक्षित और फायदेमंद निवेश के तौर पर जाना जाता है. 


क्या मिलता है फायदा?
वित्तीय जानकारों का मानना है कि सोने में अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सबसे बेहतर है. क्योंकि इसमें काफी अच्छा रिटर्न मिलता है और ये पूरी तरह से सेफ है. अब इसके फायदों की बात करें तो यहां एक ग्राम सोने की कीमत 6263 रुपये में मिलेगा. 



  • अगर आप इसे ऑनलाइन खरीदते हैं तो आपको 50 रुपये प्रति ग्राम का डिक्साउंट भी मिलेगा. इसके बाद आपको 6213 रुपये का एक ग्राम सोना मिल जाएगा. 

  • अगर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 10 ग्राम तक सोना खरीदते हैं तो आपको 500 रुपये की छूट मिल जाएगी. 

  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने पर हर साल सरकार आपको सालाना 2.5% के हिसाब से इंटरेस्ट देती है.  

  • आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आठ साल तक के लिए निवेश करना होता है, इसके बाद आपको मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. आप पांच साल बाद भी इसे बेच सकते हैं. 


असली सोने से कैसे फायदेमंद?
अब आपको बताते हैं कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड असली सोने यानी जो सोना आप सुनार से खरीदते हैं उससे कैसे ज्यादा फायदेमंद हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में फिजिकल गोल्ड की तरह कोई मेकिंग चार्ज नहीं लगते हैं और कोई टैक्स नहीं देना होता है. इसमें आपको चोरी और शुद्धता का कोई भी खतरा नहीं होता. 


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